नई दिल्ली। एआईएमपीएलबी (आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड) की खिलाफत में मुस्लिम संगठन खड़े हो गए हैं। एआईएमपीएलबी द्वारा उठाए जाने वाले कदम भाजपा और संघ के लिए खाद पानी का काम कर रहे हैं । तीन तलाक का मद्दा हो या फिर बाबरी मस्जिद और शरिया अदालत बनाने का फैसला हो, एआईएमपीएलबी के स्टैंड से मुसलमानों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है। हां संघ और भाजपा को जरूर लाभ हो रहा है। एआईएमपीएलबी के खिलाफ शिया वक्फ बोर्ड पहले से ही अभियान चला रहा था, अब सुन्नी समुदाय का बरेलवी फिरका भी नाराज दिख रहा है।
दरअसल, एआईएमपीएलबी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शरिया अदालतों को बनाने का ऐलान किया था। इस सुन्नी बरेलवी फिरका नाराज चल रहा है। मौलाना तौकीर रजा का कहना है कि एआईएमपीएलबी आरएसएस की गोद में बैठ गया है और उसी के इशारे पर काम कर रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वोटों के ध्रवीकरण के लिए हिंदू और मुसलमान को आमने-सामने लाने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि एआईएमपीएलबी ने रविवार को बैठक करके 10 शरिया अदालतों को मंजूरी दी है। जिनमें 2 यूपी, 1 गुजरात, 1 महाराष्ट्र और 2 अन्य राज्यों पर जल्द बनाए जाएंगे ।
एआईएमपीएलबी भी इस बात को मानता है कि उसके फैसलों से भाजपा और आरएसएस को फायदा होता है। एआईएमपीएलबी के सदस्य जफरयाब जिलानी का कहना है कि हमारे फैसलों से भाजपा और आरएसएस को सियासत करने का मौका मिलता है और वो राजनीतिक रोटियां सेंकने का कोई मौका नहीं छोड़ते।