नई दिल्ली। भारत के लोगों ने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। ऐसे ही एक भारतीय शख्स अजित जैन उसे और आगे बढ़ा रहे हैं। अजित जैन दुनिया के सबसे बड़े निवेशक और धनकुबेर वाॅरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे इंक की कमान संभालने की रेस में सबसे आगे हैं। बता दें कि अभी वारेन बफे की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन कंपनी में जिस हिसाब से उनका ओहदा बढ़ा है उससे यही माना जा रहा है कि उन्हें ही यह कमान दी जाएगी।
आईआईटी खड़गपुर से की पढ़ाई
गौरतलब है कि 66 वर्षीय जैन को बर्कशायर हैथवे इंक इंश्योरेंस ऑपरेशंस का वाइस चेयरमैन बनाकर बोर्ड में जगह दी गई है। न्यूयॉर्क में रहने वाले अजित जैन का जन्म वर्ष 1951 में ओडिशा में हुआ था और 1972 में उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मेकनिकल इंजिनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद कुछ सालों तक आईबीएम मंे सेल्समैन के तौर पर नौकरी भी की। कंपनी द्वारा कारोबार बंद करने के बाद वे साल 1978 में अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की।
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जैन ने बफे को किया मालामाल
आपको बता दें कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए डिग्री लेकर जैन ने मैकिंजी एंड कंपनी में नौकरी की। वहां से 1986 में उन्हांेने वॉरने बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे को ज्वाइन कर लिया। कभी पैसे की कमी से जूझने वाले अजित जैन आज 12000 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। दुनिया के सबसे बड़े निवेशक और शीर्ष धनकुबेरों में शामिल बफे कई बार यह बात दोहरा चुके हैं कि जैन की वजह से उन्होंने अरबों डॉलर की कमाई की है। वर्ष 2015 में निवेशकों के नाम पत्र में भी बफे ने जैन की जमकर तारीफ की थी।
बफे और बर्कशायर हैथवे
बर्कशायर हैथवे के 90 से ज्यादा ऑपरेटिंग यूनिट्स हैं। इनमें बीएनएसएफ रेलरोड, जीको ऑटो इंश्योरेंस, डेयरी क्वीन आइस क्रीम, फ्रूट ऑफ द लूम अंडरवेयर, सीज कैंडीज के साथ-साथ कई तरह के इंडस्ट्रियल और केमिकल ऑपरेशन शामिल हैं। वर्ष 2016 में समूह का राजस्व 223 अरब डॉलर का रहा जो टाटा समूह के बाजार पूंजीकरण से करीब दोगुना है।