नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण संगठनों ने अपना विरोध तेज कर दिया है। सवर्ण संगठनों के द्वारा कल यानी की गुरुवार को बुलाए गए भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शिवपुरी के बाद मुरैना, भिंड, श्योपुर और छतरपुर के जिलाधिकारियों ने धारा 144 लगा दी गई है। गौर करने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने मानसून सत्र के दौरान एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को पारित कर दिया था। अब इसके तहत दलितों पर अत्याचार या यौन शोषण के आरोपी अधिकारियों को फौरन गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं। ऐसे में यह नया आंदोलन भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
गौरतलब है कि एससी-एसटी एक्ट को लेकर दिए गए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दलितों पर अत्याचार या यौन शोषण के आरोपी अधिकारी की पहले डीएसपी स्तर के अधिकारी से जांच कराई जाएगी। उसके बाद दोषी पाए जाने की सूरत में उसकी गिरफ्तारी की जाएगी। इस बात को लेकर पूरे देश में दलितों ने आंदोलन किया था जिसमें भारी हिंसा हुई थी और कई लोगों की जानें भी गई थीं। इसके बाद सरकार ने मानसून सत्र के दौरान एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को पारित कर दिया। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद अब उन अधिकारियों की सीधे गिरफ्तारी की जाएगी।
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यहां बता दें कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब सवर्ण समाज सड़कों पर उतर गया है। गौर करने वाली बात है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता भी इस प्रस्ताव पर सरकार से पुनर्विचार करने की मांग कर चुके हैं। हालांकि सवर्ण संगठनों के द्वारा 6 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शिवपुरी के साथ ही मुरैना, भिंड, श्योपुर और छतरपुर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। बड़ी बात यह है कि मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं ऐसे में सवर्ण समाज के द्वारा किए जा रहे आंदोलन का भाजपा पर उल्टा असर हो सकता है।