नई दिल्ली । अपनी मांगों को लेकर देश के विभिन्न कोनों से दिल्ली पहुंच हजारों किसानों ने अब रामलीला मैदान के बाद अब संसद की ओर कूच कर दिया है। हजारों की संख्या में मौजूद किसान अपनी पारंपरिक परिधानों में हैं और मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का नारा लगा रहे हैं। ये किसान अपनी मुख्यतय दो मांगों को माने जाने की मांग कर रहे हैं, वहीं इस किसान रैली में शामिल कई महिलाओं ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रसोई गैस का सिलेंडर एक हजार रुपये कर दिया गया है। महंगाई दिनों दिन घर के बजट को बिगाड़ रही है। फसलों के दाम दिलाने का जो वादा मोदी सरकार ने किया था वो अभी तक पूरा नहीं किया है। हमारी फसल कौड़ी के भाव बिक रही है। अब ऐसे में हम अपने बच्चों के भविष्य के बारे में क्या सोचें।
इस सब के बीच खबर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के इस मार्च को दोपहर बाद संबोधित करेंगे।
201 संगठनों से जुड़े किसान सड़कों पर
बता दें कि इस किसान रैली में देश के करीब 201 किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने शिरकत की है। हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर पहले रामलीला मैदान में जुटे थे , जहां से एक रैली की शक्ल में ये लोग संसद की ओर कूच कर रहे हैं। हालांकि किसान संगठनों ने रैली की दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी थी लेकिन उन्हें रैली की इजाजत नहीं दी गई थी।
मार्च में कई बैनर-झंडे
किसान मार्च में देखने को मिला है कि कई संगठनो के बैनर और अलग-अलग किसान संगठनों के झंडे लेकर लोग दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं। इस मार्च में काफी संख्या में छात्र और कई अन्य प्रोफेशन से जुड़े लोग भी शामिल हुए हैं।
बस चुनावों तक वादे सीमित
इस दौरान किसान मार्च की अगुवाई करने वालों में से एक योगेंद्र यादव ने कहा कि हजारों की संख्या में किसान मोदी सरकार से अपना वादा पूरा करने की मांग लेकर दिल्ली आए हैं। किसानों को राहत का पूरा खाका खींचा जा चुका है अब बस सरकार को मुहर लगानी है। अगर मोदी सरकार यह मुहर लगाने का काम भी नहीं कर सकती तो साफ हो जाएगा कि मोदी सरकार के मन में किसानों के लिए कोई दर्द नही है ये जो वादे करते हैं बस चुनावों तक ही सीमित रहते हैं।