Wednesday, April 24, 2024

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दुनिया की ओर बढ़ रही नई आफत , अब अमेरिका और ईरान टकराव की ओर बढ़ रहे

अंग्वाल न्यूज डेस्क
दुनिया की ओर बढ़ रही नई आफत , अब अमेरिका और ईरान टकराव की ओर बढ़ रहे

तेहरान । एक बार फिर से दुनिया की ओर नई आफत बढ़ती नजर आ रही है । असल में पिछले दिनों हुई बयानबाजी के बाद ईरान और अमेरिका के बीच टकराव की स्थित पैदा हो गई है । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों ईरान में तबाही की बात कही, तो जवाब में ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ट्रंप के लिए बेहद तल्ख शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्होंने एक 'सिरफिरा राष्ट्रपति' करार दिया है । इतना ही नहीं इस अधिकारी ने कहा कि तेहरान के खिलाफ उनकी धमकियां काम नहीं करेंगी । अगर अमेरिकी राष्ट्रपति को ईरान से बात करनी है तो उन्हें न सिर्फ उसके प्रति सम्मान दर्शाना होगा, बल्कि साथ ही एक स्थिर संदेश पर कायम रहना होगा ।

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बता दें कि गत रविवार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ ट्वीट करते हुए ईरानी को चेतावनी दी थी । उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा - वह 'कभी भी अमेरिका को धमकी न दे । अगर तेहरान युद्ध चाहता है तो यह ईस्लामी देश का 'आधिकारिक अंत' होगा । अमेरिकी राष्ट्रपति की इस टिप्पणी के बाद ईरानी संसद के विदेशी मामलों के निदेशक हुसैन आमिर-अब्दुलाहियान ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ट्रंप 'सिरफिरे' हैं और उनका प्रशासन 'भ्रमित' है। उन्होंने कहा, ट्रंप अपने निर्णय लेने में संतुलित और स्थिर नहीं हैं, इसलिए हमें एक भ्रमित व्हाइट हाउस से निपटना पड़ रहा है। ईरान को कई संकेत मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि कोई नहीं जानता कि व्हाइट हाउस पर किसका शासन है।'

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हुसैन ने सीएनएन से कहा, 'अपने दिमाग में, ट्रंप सोचते हैं कि उन्होंने प्रतिबंधों के जरिए ईरान के सिर पर बंदूक तान दी है और वह हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'लेकिन, यह सब सिर्फ उनकी कल्पना है। अब वह चाहते हैं कि हम उनसे बात करें? ये एक सिरफिरे राष्ट्रपति हैं।' उन्होंने वेस्ट विंग में मौजूद युद्ध की आग को भड़काने वालों की ओर ईशारा करते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का नाम लेते हुए कहा, 'व्हाइट हाउस के भीतर ही विचारों में काफी मतभेद हैं।'

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ईरानी संसद के विदेशी मामलों के निदेशक हुसैन आमिर-अब्दुलाहियान ने कहा कि हम बातचीत के खिलाफ नहीं हैं । लेकिन सवाल यह उठता है कि यह बातचीत होनी कैसे चाहिए । ट्रंप ईरान से फोन पर बात करने के बारे में चर्चा कर सकते हैं, लेकिन तभी जब वह धमकी और बल की भाषा का प्रयोग न करें । उन्होंने कहा कि ट्रंप को अगर लगता है कि ईरान के खिलाफ उनकी धमकियां काम करेंगी तो उन्हें ईरानी लोगों की संस्कृति और मानसिकता के बारे में कुछ भी पता नहीं है ।

 

 

 

 

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