नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी राज्यों में घुसपैठ को लेकर सेना प्रमुख विपिन रावत ने एक बड़ा बयान दिया है। सेनाध्यक्ष ने अपने इस बयान में राजनीतिक पार्टी आॅल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) का जिक्र किया था जिसके बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है। सेनाध्यक्ष के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि आर्मी चीफ को राजनीतिक मामलों में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। बता दें कि सेना प्रमुख ने अपने बयान में कहा है कि उत्तरपूर्वी राज्य में भाजपा का विकास जितनी तेजी से नहीं हुआ है उससे कहीं ज्यादा तेजी से एआईयूडीएफ का विकास हुआ है।
गौरतलब है कि असम की राजधानी में उत्तर पूर्व में सीमा सुरक्षा को लेकर हुए एक सेमिनार में आर्मी चीफ ने यह बात कही है। जनरल रावत ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की तरफ से लगातार भारत में अवैध तरीके से बांग्लादेशियों को घुसपैठ कराती रही है। सेनाप्रमुख ने कहा कि दोनों पड़ोसी देश भारत को इन घुसपैठ के जरिए कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने प्राॅक्सी वाॅर का रास्ता चुना है।
ये भी पढ़ें - बस 16 दिन शेष, फिर प्रतिदिन UAE के 40 हजार बैरल तेल पर होगा भारत का हक, मोदी सरकार ने खरीदी त...
बता दें कि आर्मी चीफ ने सीमा सुरक्षा पर आयोजित सेमिनार में घुसपैठ के लिए एआईयूडीएफ को जिम्मेदार ठहराया है। यहां बता दें कि एआईयूडीएफ एक राजनीतिक पार्टी है और उसपर हमेशा से बांग्लोशी मुसलमानों का समर्थन करने का आरोप लगता रहा है। राजनीतिक पार्टी का जिक्र होने के बाद आपने आपको मुसलमानों का हितैषी कहने वाले असदउद्दीन ओवैसी ने सेनाध्यक्ष के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा गया कि उन्हें राजनीतिक मामलों में सेनाध्यक्ष को दखल नहीं देना चाहिए। यहां आपको बता दें कि सेनाध्यक्ष ने इशारों में कहा कि जिस तरह से जम्मू कश्मीर में आतंकियों को भेजा जाता है उसी तरह से उत्तरपूर्वी राज्यों में अशांति फैलाने के लिए अवैध आबादी को यहां भेजा जाता है।