Friday, April 19, 2024

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सियाचीन सीमा से दुश्मनों की सफाई के साथ गंदगी भी दूर कर रही भारतीय सेना

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सियाचीन सीमा से दुश्मनों की सफाई के साथ गंदगी भी दूर कर रही भारतीय सेना

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत भले ही अभी भी लोग यहां तहां गंदगी फैलाने से बाज न आ रहे हों, लेकिन हमारी सीमा पर दुश्मनों को साफ करने वाले भारतीय जवानों ने पीएम मोदी के इस अभियान में भी अपनी सेवाएं दी हैं। पीएम के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए, भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में स्वच्छता अभियान चलाया। सियाचिन ग्लेशियर में 12 महीने फौज की तैनाती से यहां भी काफी मात्रा में कूड़ा-कचरा फैलने से गंदगी होने लगी है।

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इस अभियान पर रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सियाचिन ग्लेशियर का पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखना है। अक्टूबर 2014 में अभियान शुरू होने के बाद सियाचिन की सेना ने 63 टन कचरे को हटा दिया है।  रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सेना उच्चतम युद्ध क्षेत्र में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। सेना के जवान दुनिया के इस सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में पड़े कचरे को हटाने के लिए एक मिशन पर है। इस दौरान एकत्र कचरे की बड़ी मात्रा को टट्टू और कभी-कभी हेलीकॉप्टर लौटने के द्वारा उसमें रखकर वापस लाया गया है। कचरा के इन भार में पैकिंग सामग्री, बैरल शामिल हैं। 


बता दें कि सेना ने ग्लेशियर की सफाई के लिए 16 दिन के स्वच्छता अभियान का आगाज कर दिया है। इसकी शुरूआत 17 सितंबर को सियाचिन ग्लेशियर के बेस कैंप से की गई है। इस अभियान में सियाचिन ब्रिगेड के करीब 4 हजार जवानों को लगाया गया है। अभियान का समापन 2 अक्टूबर को बेस कैंप पर ही किया जाएगा। विदित हो कि सियाचिन ग्लेशियर पर स्वच्छता अभियान बीते 2014 से चल रहा है। इसमें अब तक 63 टन से अधिक कचरे को बेस कैंप पर लाकर उसका निपटान किया जा चुका है। इस अभियान की खास बात ये है कि अलग-अलग पोस्ट से एकत्र हुआ कूड़ा-कचरा ग्लेशियर में तैनात तमाम सैन्य यूनिटें एक पूर्व निधार्रित स्थान पर एकत्रित करेंगी और फिर उसका निपटारा किया जाएगा। इसमें जैविक व अजैविक कूड़े को अलग-अलग छांटकर रखा जाएगा। बाद में इसका निपटान ऐसी जगह किया जाएगा, जहां से नदी के स्रोत व मानव आबादी काफी दूरी पर हो। 

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