नई दिल्ली । राममंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति बयानबाजी तेज हो गई है। चुनावी मौसम में एक बार फिर से सियासी अखाड़ा तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए अगली तारीख जनवरी 2019 मे तय करने के फैसले पर ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहदुल मुसलिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर कटाक्ष मारा है। उन्होंने कहा कि अब अगर पीएम मोदी का 56 इंच का सीना है तो वो इस मुद्दे पर अध्यादेश लाकर दिखाएं। हालांकि इससे पहले उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना गलत है।
असल में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने के बाद सियासी मैदान में सभी राजनीतिक दलों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।वहीं इस मुद्दे पर असद्दुदीन ओवैसी ने कहा है कि सरकार अब अध्यादेश लाकर दिखाए। वह बोले, 'चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि जनवरी में उपयुक्त बेंच के पास मामला जाएगा वो तय करेगी। कोर्ट का फैसला जिसे मानना ही पड़ेगा. देश संविधान से ही चलेगा।
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ओवैसी बोले- जनवरी में जब इस मामले की सुनवाई हो तो पीएम मोदी को चाहिए कि वो अपने अटॉर्नी जनरल को बदल दें और उनकी जगह गिरिराज सिंह को भेजें। वो बताएंगे कि महोदय हिंदुओं के सब्र टूट रहा है। गिरिराज सिंह बहुत काबिल आदमी हैं, उन्हें पूरा कानून पता है। ऐसा लगता है कि अरस्तु के बाद कोई काबिल आदमी पैदा हुआ है तो यही हैं।
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उन्होंने कहा, अब हम कहेंगे कि सरकार अध्यादेश लाकर दिखाए, ऐसी बातों से कब तक डराएंगे। संविधान से देश चलेगा कि मनमर्जी से हो चलेगा। 56 इंच का सीना है तो लाकर दिखाएं अध्यादेश। ये क्या अध्यादेश लाएंगे, अभी तो ये सीबीआई के फेर में ही फंसे हुए हैं, ये क्या अध्यादेश लाएंगे।
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