नई दिल्ली। वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा साल 2015 में किए गए पुरस्कार वापसी के मुद्दे को लेकर साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने बड़ा खुलासा किया है। तिवारी ने कहा कि जितने भी लेखकों और शायरों ने अवार्ड वापसी पूरी तरह से राजनीतिक था। उन्होंने कहा कि इसका मकसद मोदी सरकार को पूरे देश में बदनाम करने की कोशिश के तहत किया गया था।
गौरतलब है कि साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने एक लेख में इन बातों का जिक्र किया है। बता दें कि साल 2015 में करीब 50 से ज्यादा साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार वापस कर दिए थे। उन्होंने अपने लेख में तो यहां तक लिखा है कि पूरे अभियान के पीछे लेखक और कवि अशोक वाजपेई का दिमाग था।
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यहां बता दें कि विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि पुरस्कार वापसी का मकसद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार को बदनाम करना था। तिवारी ने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि ये किन लेखकों के दिमागी उपज थी?