कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंची बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या मुसलमानों की वतन वापसी में एक अहम भूमिका अदा करने का अनुरोध किया है। शांतिनिकेतन में पीएम मोदी के साथ मिलकर दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले बांग्लादेश भवन का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए शेख हसीना ने कहा कि भारत को म्यांमार और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से बात करने में बांग्लादेश का साथ देना चाहिए ताकि इस मसले को जल्द सुलझाया जा सके।
गौरतलब है कि म्यांमार सैनिक कार्रवाई के बाद वहां के रखाइन प्रांत से करीब 7 लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने पलायन किया जिसमें से ज्यादातर बांग्लादेश में रह रहे हैं। बांग्लादेश सरकार ने उन्हें मानवीय आधार पर रहने के लिए जगह दी हुई है। भारत से अनुरोध करते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि उसे म्यांमार और दूसरे अंरराष्ट्रीय संस्थाओं से बातकर म्यांमार पर इस बात का दवाब बनाए कि वह इन शरणार्थियों को वापस अपने देश में वापस बुला ले।
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बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी द्वारा की गई मदद का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने बांग्लादेशियों को पाकिस्तान की चंगुल से आजाद कराया था उसी तरह से मौजूदा पीएम को भी बांग्लादेश से रोहिंग्या मुसलमानों से मुक्त कराने में उनकी मदद करें। उन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया। अपने संबोधन के दौरान शेख हसीना ने बंगाल के महान कवि गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर को याद करते हुए वे एक ऐसे कवि थे जिन्होंने भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों के राष्ट्रगान की रचना की।