नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार देर शाम को बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में कैंट रेलवे स्टेशन के करीब निर्माणाधीन चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर की दो बीम सड़क पर गिर गई जिसमें एक महानगर बस सेवा की बस और कई वाहन दब गए। अब तक 15 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है और 30 से ज्यादा घायल हो गए हैं। बीम के नीचे दबे वाहनोें को गैस कटर से काट कर सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने शवों और घायलों को बाहर निकाल लिया है। सभी घायलों का इलाज बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर सहित शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है।
गौरतलब है कि घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात को ही घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। काम में लापरवाही बरतने के आरोप में यूपी सेतु निगम के 4 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेन्द्र सिंह और केआर सुदन व अवर अभियंता लालचंद पर यह कार्रवाई की गई है। घटना की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। यहां बता दें कि यूपी सरकार की तरफ से 5-5 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है।
ये भी पढ़ें - भाजपा ने गोवा-मणिपुर में चला था जो दांव, कर्नाटक में उल्टा पड़ा गले , अब राज्यपाल अपने विवेक ...
बता दें कि वाराणसी में चौकाघाट से लेकर लहरतारा के बीच फ्लाईओवर के निर्माण का काम चल रहा है। मंगलवार की शाम अचानक ही 50-50 फीट की दो बीम सड़क पर गिर गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को खबर दी उसके बाद 9 क्रेनों की मदद से बीम को एक साथ उठाया गया और दबे हुए वाहनों को बाहर लिकाला गया। प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य में देरी होने से स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी की। हादसे के बाद इंग्लिशिया लाइन और लहरतारा चैराहे के बीच वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।