नई दिल्ली । दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के पांच महीने में दूसरी बार किराया वृद्धि करने का फैसला लेने के साथ ही उसे बड़ा झटका लगा है। मेट्रो के 10 अक्तूबर से दोबारा बढ़े किराये का संसद से लेकर सड़क तक विरोध हुआ है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में मंगलवार और बुधवार को यात्रियों ने मेट्रो का बहिष्कार किया है। इसके चलते जहां मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है, वहीं राजस्व बढ़ाने के मकसद से की गई किराया वृद्धि मेट्रो को उल्टी पड़ती नजर आ रही है। अन्य दिनों की तुलना में बुधवार को मेट्रो स्टेशनों में सुबह के समय कम यात्री नजर आए। जबकि लोगों ने निजी वाहनों और डीटीसी की ओर अपना रुख कर लिया है। असल में कई लोग जो सफर डीटीसी में 10-15 रुपये का किराया देकर कर सकते हैं, उसके लिए लोगों को मेट्रो में 30-40 रुपये देने पड़ रहे हैं। ऐसे में अपनी जेब पर पड़ते बोझ के चलते यात्रियों ने मेट्रो का बहिष्कार किया है।
अन्य दिनों की तरह सुबह नहीं दिखी स्टेशन पर भीड़
बुधवार सुबह दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर अमूमन नजर आने वाली 'जानलेवा' भीड़ नदारद थी। लोगों को सुबह ऑफिस जाने के समय ज्यादा भीड़ नहीं मिली। खास बात तो ये थी कुछ लोग तो मेट्रो में इस बात की चर्चा तक करते नजर आए। यहां तक मेट्रो की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने भी माना की किराया वृद्धि का असर या मेट्रो पर पड़ा है। सुबह के समय जहां यात्रियों को लाइन में लगाए रखना ही एक चुनौती होता था, वहीं बुधवार को ऐसी कोई भीड़ नजर नहीं आई।
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छोटी यात्रा के लिए डीटीसी का रुख
मेट्रो का बहिष्कार करने वाले लोगों ने एक बार फिर अपनी छोटी यात्रा के लिए डीटीसी का रुख किया है। मंगलवार और बुधवार को बस स्टॉप पर अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ नजर आई। अन्य दिनों में जहां गिने-चुने लोग ही बस स्टॉप पर दिखाई देते थे, उन बस स्टॉप पर भी बुधवार को काफी लोग नजर आए। वहीं डीटीसी की कलस्टर बसों में एक बार फिर पहले जैसी भीड़ देखने में आई।
10 रुपये के सफर के लिए 30 क्यों दें
इस दौरान कई यात्रियों ने कहा कि जब अपनी छोटी यात्रा 10 रुपये में कर सकते हैं तो उसके लिए मेट्रो को 30 रुपये क्यों दें। आने वाले दिनों में गर्मी का भी कोई झंझट नहीं है और मौसम सुहाना होने के चलते वह डीटीसी में भी अपना सफर कर सकते हैं। इससे न केवल उनकी जेब पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा, बल्कि DMRC को ही सबक सिखाया जा सकेगा।
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सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ेगी
हालांकि इस बात का अभी तो कोई आंकड़ा नहीं है कि मेट्रो का बहिष्कार करने वाले कितने प्रतिशत लोगों ने एक बार फिर निजी वाहनों का उपयोग शुरू कर दिया, लेकिन इसका असर आने वाले दिनों में दिल्ली सड़कों पर साफ देखा जाएगा। मेट्रो की किराय वृद्धि के चलते लोग अपनी स्कूटी और अपनी बाइक को एक बार फिर से अपने दैनिक यात्रा का साधन बनाने जा रहे हैं।
दोगुना से भी ज्यादा हो गया किराया
असल में मेट्रो ने पिछले पांच माह में किराये को दोगुना कर दिया है। अब 2 किलोमीटर की दूरी के लिए लोगों को 10 रुपये देने होंगे। वहीं 2 से 5 किलोमीटर की दूरी के लिए 20 रुपये, 5 से 12 किलोमीटर के लिए 30 रुपये, 12 से 21 किलोमीटर के लिए 40 रुपये, 21 से 32 किलोमीटर की दूरी के लिए 50 रुपये और 31 किलोमीटर से ज्यादा के लिए अधिकतम 60 रुपये किराया लिया जाएगा। मार्च की तुलना में यह किराया दोगुना हो गया है।
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दिल्ली सरकार का विरोध जारी
इस सब के बीच दिल्ली सरकार ने भी किराया वृद्धि का कड़ा विरोध किया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, बोर्ड में 16 निदेशकों में से दिल्ली सरकार के पांच निदेशक हैं, जिन्होंने इसका विरोध किया। हालांकि केंद्र सरकार के सख्त रवैये दिखाया। केंद्र को आम आदमी का अधिक खयाल रखना चाहिए था। सूत्रों ने बताया कि डीएमआरसी बोर्ड की बैठक में दिल्ली सरकार के किराया निर्धारण कमेटी के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। बोर्ड ने कहा कि किराया निर्धारण कमेटी (FFC) की सिफारिशों में दखल देने या बदलाव करने का बोर्ड के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है।