नई दिल्ली। असम के मूल निवासियों की पहचान के लिए की जा रही पहल, नेशनल रजिस्टर सिटीजंस (एनआरसी) इन दिनों चर्चा और विवाद का विषय बना हुआ है। अब इसमें तेलंगाना के भाजपा नेता टी राजा ने एक विवादित बयान देकर मामले को और भड़का दिया है। राजा ने कहा कि अगर से आराम से नहीं जाते हैं तो इन्हें गोली मार देना चाहिए। बता दें कि एनआरसी के दूसरे ड्राफ्ट में करीब 40 लाख लोगों अवैध बताया गया है। हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले भी कह चुके हैं कि यह कोई फाइनल सूची नहीं है इसमें अपने आप को असामियां कहने वाले सबूत देकर अपना नाम जुड़वा सकते हैं। इस बात को लेकर मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में विपक्ष ने खूब हंगामा किया है।
गौरतलब है कि एनआरसी के मुद्दे पर मोदी सरकार को पूरे विपक्ष का वार झेलना पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने सरकार के इस कदम का जोरदार विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर लोगों को अपने ही देश से भगाना चाहती है। राज्यसभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बयान दिया कि एनआरसी का एकाॅर्ड पर कांग्रेस के प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने ही 1985 में हस्ताक्षर किया था। इसमें कहा गया था कि जो भी राज्य का नागरिक नहीं होगा उसे बाहर कर दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस सरकार में इतनी ताकत नहीं थी वह उन्हें राज्य से बाहर निकाल पाती क्योंकि उनकी नजर सिर्फ वोट बैंक पर थी।
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यहां बता दें कि एनआरसी पर तेलंगाना से भाजपा के नेता टी राजा ने आग में घी डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर घुसपैठिए आराम से या सही तरीके से वापस नहीं जाते हैं तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए। अब उनके इस बयान पर विपक्ष ने भी तीर चलाना शुरू कर दिया। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 40 लाख लोग अगर अपनी पहचान नहीं दिखा पा रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है उनकी नागरिकता ही छीन ली जाए।