नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश में हाल में खत्म हुए लोकसभा उपचुनावों में कभी धुर विरोधी रहीं सपा-बसपा ने गठबंधन करके सत्तारूढ़ भाजपा को धूल चटा दी। सपा - बसपा ने 23 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर दोस्ती का हाथ मिलाया तो भाजपा के दिग्गजों की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट में गठबंधन ने भाजपा को करारी मात दी। साल भर पहले विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा को उपचुनावों में मिली हार से भारी 'चोट' पहुंची है, जिसके बाद भाजपा ने आगामी मिशन -2019 चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस गठबंधन के खिलाफ एक रणनीति बनाई है। पार्टी ने इसको लेकर हाल में एक अहम बैठक की, जिसमें सपा-बसपा के गठबंधन को आने वाले समय में प्रभावहीन बनाने की रणनीति बनाने के साथ ही उसके लिए संबंधित नेताओं को रणनीति पर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी देने की भी तैयारी की।
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असल में उपचुनावों में भाजपा को मिली हार से पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही पार्टी के उच्च पदाधिकारियों को गहरा झटका लगा है। ऐसे में भाजपा को 2019 लोकसभा चुनाव के लिए मौजूदा रणनीति में बदलाव करके दोबारा से दुरुस्त करने की रणनीति बनाई है। हाल में सूबे के सीएम समेत कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों, भाजपा के रणनीतिकार सपा-बसपा गठबंधन की जीत को लेकर काफी संजीदा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अब भाजपा ने सपा और बसपा शासन काल के दौरान हुए भ्रष्टाचार और अराजकाता को उजागर करने और इन मुद्दों को लोगों के बीच लेकर जाने की रणनीति अपनाई है। इतना ही नहीं भाजपा इन मुद्दों को काफी जोरशोर के साथ प्रदेश में एक अभियान बनाकर उजागर करेगी। इसके साथ ही पार्टी ने अपने ओबीसी नेताओं को बढ़ावा देना और बूथ प्रबंधन को फिर से दुरुस्त करने की योजना बनाई है। इसी क्रम में तय हुआ है कि पार्टी कार्यकर्ता शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी अपनी सक्रियता को बढ़ाएंगे।
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वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, हम इस (सपा-बसपा) गठबंधन का पर्दाफाश करेंगे। बसपा और सपा के शासन के तहत भ्रष्टाचार और अराजकता का वर्चस्व था। उपचुनाव में भाजपा को मिली हार से हमने भी सबक लिया है। पीएम मोदी की अपील और अभियान की ताकत के साथ-साथ अमित शाह की चाणक्य नीति से 2019 फतह करेंगे।
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वहीं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पार्टी आक्रामक अभियान के माध्यम से लोगों को बताएगी कि सपा-बसपा गठंबधन सिर्फ स्वार्थी है और अपने फायदे के लिए है। इससे सूबे को कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान सपा-बसपा गठबंधन से भी पूछा जाएगा कि उनका नेतृत्व कौन कर रहा है मायावती या अखिलेश। या मुलायम सिंह इस गठबंधन का नेतृत्व करेंगे।
भाजपा प्रवक्ता चंद्र मोहन ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां पीएम मोदी का चेहरा होगा वहीं सूबे के सीएम योगी का काम होगा।
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