नई दिल्ली । दाऊदी बोहरा समाज की कई महिलाएं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिला जननांग विकृति (Female Genital Mutilation) को अवैध घोषित करने की मांग की। इस मुद्दे से जुड़े मामले को लेकर ये महिलाएं एक अभियान शुरू करने के लिए एक साथ आई हैं। भारत में एंटी एफजीएम कानून नहीं है, ऐसे में कई देशों के विपरीत यह प्रथा प्रचलित है। इस सब के बीच इन महिलाओं ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों को इस मुद्दे को लेकर एक एडवाइजरी जारी करें। पीएम को लिखे पत्र में इन महिलाओं ने आग्रह किया है कि बोहरा समाज के लिए मौजूदा आईपीसी और पीओसीएसओ प्रावधानों के अंतर्गत एफजीएम को एक अपराध घोषित किया जाए।
बता दें कि इससे पहले इस मुद्दे को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने उठाया था। उस दौरान इस पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया गया था लेकिन मंत्रालय की चुप्पी के चलते अभी तक समाज की महिलाओं को इसका दंश झेलना पड़ रहा है। ऐसे में अब इसके खिलाफ महिलाओं ने अभियान शुरू कर दिया गया है। इन महिलाओं ने कहा कि एफजीएम यौन हिंसा का एक रूप है, जिसके गहरे भावनात्मक, यौन और शारीरिक परिणाम हैं। इस समय इसे खत्म करने के लिए एक बड़ा फैसला लेना होगा क्योंकि ये महिलाओं और लड़कियों के दर्द का कारण है।