नई दिल्ली । बिहार की राजनीति का कई दशकों तक केंद्र रहे लालू प्रसाद यादव इन दिनों चारा घोटाले के दोषी पाए जाने के बाद से जेल में हैं। इस सब के बीच लालू यादव ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है, जिसमें खराब स्वास्थ का हवाला दिया गया है । इस पर अब सीबीआई ने लालू की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह लोकसभा चुनावों के लिए बीमारी का बहाना बनाकर जेल से बाहर आना चाहते हैं । सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में कहा है कि लालू यादव जेल से ही अपनी पार्टी की रणनीति को अंजाम दे रहे हैं। मौजूदा समय में वह मेडिकल आधार पर जमानत मांग कर गुमराह कर रहे हैं । जांच एजेंसी ने कहा कि अगर लालू को मिली सजा को जोड़कर देखा जाए तो उन्हें 27.5 साल की सजा मिली है। ऐसे में लालू यादव की लोकसभा चुनावों के लिए बाहर आने की मंशा पर चोट करते हुए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए । कोर्ट को उनकी जमानत याचिका को खारिज कर देना चाहिए । लालू की जमानत याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी ।
जेल के विशेष वार्ड में लालू
बता दें कि लालू यादव ने अपनी खराब तबीयत का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी । याचिका में कहा गया है कि लालू की उम्र भी 71 वर्ष हो गई है । इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा था। इस संबंध में जांच एजेंसी को मिले नोटिस पर सीबीआई ने जवाब जदिया है कि लालू यादव अपना ज्यादातर समय जेल के एक विशेष अस्पताल के वार्ड में बिताने में कामयाब रहे हैं। लालू यादव के मुख्यमंत्री रहते उनके आचरण ने राष्ट्र की अंतरात्मा को हिला दिया था।
क्या कहा गया है याचिका में
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज होने के बाद लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए एक अर्जी दाखिल की गई है । इस याचिका में कहा गया है कि उन्हें डायबिटीज, बीपी, हृदय रोग सहित कई अन्य बीमारियां हैं। इस समय उनका इलाज रांची के रिम्स में चल रहा है । इन बीमारियों के इलाज के लिए वह प्रतिदिन करीब 13 प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। उनकी उम्र 71 वर्ष की हो गई है। उन्हें मेडिकल आधार पर जमानत दी जाए।
लोकसभा चुनावों के लिए भी अहम है जमानत
चारा घोटाले के तीन मामलों में साढ़े सत्ताइस साल की जेल की सजा काट रहे लालू यादव की पार्टी राजद को इन दिनों उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव संभाल रहे हैं। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर तेजस्वी ने टिकट बंटवारे के लिए भी अस्पताल में लालू से मुलाकात और बातचीत के बाद ही महागठबंधन में सीट बंटवारा और उम्मीदवारों के टिकट दिए जाने को अंतिम रूप दिया । हालांकि लोकसभा चुनावों में अगर लालू जमानत पर ही जेल से बाहर आते हैं तो इससे पार्टी को काफी बल मिलेगा । पार्टी के कुछ नाराज नेताओं को, जिन्हें तेजस्वी नहीं मना पा रहे हैं , लालू उन्हें मना सकते हैं। इसके साथ ही पार्टी की रणनीति को बनाने के साथ ही लालू अपने सामने अंजाम भी दे सकते हैं।