नई दिल्ली। घाटे में चल रही एयर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने की असफल कोशिशों के बीच अब सरकार ने इसे घाटे से उबारने के लिए नए तरीके आजमाने शुरू कर दिए हैं। सरकार की ओर से कहा है कि अब इसके लिए नई गाइडलाइंस जारी की जाएगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि एयर इंडिया में लगे क्लॉज माइनरिटी स्टेट स्टेक समेत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रशासन निजीकरण प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने को तैयार है।
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गौरतलब है कि सचिव सुभाष गर्ग ने बताया कि सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है और कंपनी के 24 फीसदी शेयर अपने पास रखने का भी उसका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पहले दिए गए प्रस्ताव निवेशकों का लुभा नहीं पाए इस वजह से अब कुछ अलग करने का विचार किया गया। सुभाष गर्ग ने बताया कि ऐसा कुछ फिक्स्ड नहीं है कि सरकार के पास इसका 24 फीसदी हिस्सा होना ही चाहिए। इस पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
यहां बता दें कि एयर इंडिया को घाटे से उबारने के लिए प्राईवेट हाथों में देने की योजना को उस वक्त झटका लगा था जब एयरलाइंस के 76 फीसद शेयर बेचने की आखिरी तारीख 31 मई निकल जाने के बावजूद किसी भी खरीददार ने उसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।