नई दिल्ली। एयर इडिया अब नहीं बिकेगा। लगातार घाटे में चल रही एयर इंडिया को सरकार द्वारा बेचने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत एयर इंडिया के लगभग 76 प्रतिशत हिस्से को बेचने की बात कही गई थी पर सरकार को एयर इंडिया की हिस्सेदारी की खरीद के लिए कोई खरीदार नहीं मिला। बता दें कि करीब 3 सप्ताह पहले एयरलाइन के लिए बोली लगाने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। अब सरकार ने नया फैसला लेते हुए विमान कंपनी एयर इंडिया की बिक्री की योजना टाल दी है। सूत्रों के मुताबिक इस चुनावी साल में सरकार एयर इंडिया को परिचालन के लिए जरूरी फंड मुहैया कराएगी। इतना ही नहीं सरकार एक-दो नए विमानों की खरीद के लिए भी ऑडर दे सकती है।
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बैठक में लिया गया फैसला
एयर इंडिया को घाटे की स्थिति से बाहर निकालने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें पीयूष गोयल, नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा वित्त और नागर विमानन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बदालाव के जरिए होगा सुधार
अधिकारी ने बताया कि एयरलाइन को फिलहाल परिचालन में फायदा हो रहा है और इसकी कोई भी उड़ान खाली नहीं जा रही है ऐसे में लगात के जरिए परिचालन व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है। इस वजह से सरकार को एयर इडिया की बिक्री में कोई जल्दी नहीं है। बता दें की सरकार एयर इडिया में बदलाव ला कर इसे लाभ की स्थिति में लाने की कोशिश कर रही है जिससे इसे सुचीबद्ध कराया जा सके।
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गौरतलब है कि सूचीबद्धता के लिए जाने से पहले एयर इडिया को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। एक बार उसके द्वारा इन शर्तों को पूरा कर कर दिया जाता है तो हम इसकी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश की जा सकती है और इसे सूचीबद्ध कराया सकता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के नियमों के अनुसार किसी कंपनी को शेयर बाजारों में तभी सूचीबद्ध कराया जा सकता है जब पिछले तीन वित्त साल में उसने मुनाफा कमाया हो।