नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के सबसे बड़े अस्पताल से सुरक्षाकर्मियों पर गोली चलाकर आतंकी नवीद जट के भागने के बाद सुरक्षा चूक की परत दर परत खुलती जा रही है। इसमें प्रदेश सीआईडी ने गृह मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर बताया है कि जम्मू कश्मीर सेंट्रल जेल आतंकियों का अड्डा बन चुका है। बताया जा रहा है कि कैदी जेल से ही समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं। सीआईडी ने इस बात का भी खुलासा किया है कि आतंकियों की नई भर्ती उसी सूरत में की जाती है जब जेल से मंजूरी मिल जाती है।
जेल में समानांतर व्यवस्था
गौरतलब है कि यह रिपोर्ट आईजी (सीआईडी) ने पिछले साल तैयार की है और इसका पत्र गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव को भी भेजा गया है। सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आतंकियों ने जेल में एक समानांतर व्यवस्था बना रखी है और शुरा के नाम से एक सलाहकार परिषद का भी गठन कर रखा है और अमीन ए जिंदान को इस परिषद का स्वयंभू प्रमुख बना दिया गया है।
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स्थानीय लोगों की मदद
आपको बता दें कि सेंट्रल जेल श्रीनगर शहर के बीचों बीच स्थित है और इसमें हाई प्रोफाइल आतंकी रखे गए हैं। इन आतंकियों के स्थानीय लोगों से अच्छे संबंध हैं। आतंकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जेलकर्मियों को धमकाते हैं। कई खूंखार आतंकियों को शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था लेकिन अलग-अलग कोर्ट के आदेशों की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया। उस वक्त के जेल अधीक्षक एसके मिश्रा ने कहा कि जेल की समस्याओं से डीजीपी और गृह विभाग पूरी तरह से अवगत है।
कम सुरक्षाकर्मी
आईजी सीआईडी, ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने कहा कि कई बार जेल की तलाशी लेने के आदेश के बाद भी ऐसा नहीं किया गया। जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी रखे गए हैं और उनकी निगरानी के लिए एक वक्त में सिर्फ 20 लोग रहते हैं। इतनी कम संख्या में जेल में कठोर अनुशासन काफी मुश्किल भरा काम है।