कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें जमाने में जुटी भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। शनिवार को उसके पूर्व राज्यसभा सांसद चंदन मित्रा ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया है। बता दें कि पत्रकार से नेता बने चंदन मित्रा की छवि बंगाल में एक बड़े नेता के तौर पर है। अभी कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री और अमित शाह के द्वारा साइड लाइन किए जाने के बाद मित्रा ने पार्टी छोड़ दी थी। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा पहले से ही थी कि चंदन मित्रा टीएमसी में शामिल होंगे।
गौरतलब है कि चंदन मित्रा भाजपा की ओर से 2 बार राज्य सभा के सांसद बनाए गए थे। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से उन्हें पार्टी से साइडलाइन कर दिया गया था जिसके बाद वे आलाकमान से नाराज चल रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि अमित शाह और पीएम मोदी की जोड़ी द्वारा साइड लाइन किए जाने के बाद उनके पास संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं बची थी। ऐेसे में उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ने में ही भलाई समझी।
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यहां बता दें कि चंदन मित्रा के साथ कांग्रेस पार्टी के भी कई नेता टीएमसी में शामिल हुए। इनमें सबीना यास्मीन, अबू ताहिर, अखरूज्ज्मान, समर मुखर्जी व मोइनुल हसन का नाम शामिल है। चंदन मित्रा को लालकृष्ण आडवाणी का करीबी माना जाता है। उन्होंने 2014 में हुगली से चुनाव भी लड़ा लेकिन चौथे स्थान पर आए।