रायपुर। केन्द्र की भाजपा सरकार को उसकी ही पार्टी वाली छत्तीसगढ़ की सरकार ने झटका दे दिया है। पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों पर लोगों का गुस्सा कम करने के लिए भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को कम करने की अपील की थी, कुछ राज्यों ने बात मानकर वैट कम कर दिया है लेकिन छत्तीसगढ़ ने ऐसा करने से मना कर दिया है। राज्य सरकार का कहना है कि उनके राज्य में डीजल-पेट्रोल पर लगा वैट पहले से बाकी राज्यों के मुकाबले कम है।
गुजरात ने घटाया वैट
गौरतलब है कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटती कीमतों के बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं आ रही है। इसके चलते सरकार को लगातार लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की नाराजगी कम करने और उन्हें आर्थिक राहत देने के लिए भाजपा शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को कम करने की अपील की थी। केन्द्रीय अपील को मानकर गुजरात में वैट 3 रुपये कम कर दिया गया जिससे वहां पेट्रोल की कीमतों में कमी आ गई है। गुजरात सरकार द्वारा वैट कम करने पर विपक्ष ने इसे लोगों को लुभाने के लिए किया जा रहा इंतजाम बताया क्योंकि गुजरात में कुछ ही समय बाद चुनाव होने वाले हैं। आपको बता दें कि गुजरात के बाद मुंबई की फड़णवीस सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को कम करने का फैसला लिया है।
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पहली बार घटाई एक्साइज ड्यूटी
वहीं दूसरी ओर भाजपा शासित छत्तीसगढ़ ने ऐसा करने से मना कर दिया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि उनके यहां पेट्रोल -डीजल पर लगने वाला वैट पहले से ही काफी कम है। यहां एक बात गौर करने वाली है कि इसी महीने केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में पहली बार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की थी और राज्य सरकारों को कहा था कि लोगों को राहत देने के लिए वे वैट को कम करें तब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि वैट में कटौती लोगों को आर्थिक राहत देने के लिए की जा रही है। वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी राज्यों से 5 फीसदी वैट कम करने को कहा था।