Friday, April 19, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

डोकलाम मुद्दे पर भारत को मिले समर्थन से बौखलाया चीन, कहा-जापान बिना सचाई जाने कोई बयान न दे

अंग्वाल न्यूज डेस्क
डोकलाम मुद्दे पर भारत को मिले समर्थन से बौखलाया चीन, कहा-जापान बिना सचाई जाने कोई बयान न दे

नई दिल्ली । सिक्किम से लगे डोकलाम सीमा पर चीन के साथ भारत के विवादों के मद्देनजर पहले अमेरिका के समर्थन की खबरें आई और अब जापान ने भी इस मुद्दे पर भारत के समर्थन में खड़े होने की बात कही है। भारत की इस कूटनीतिक चाल में घिरा चीन बिलबिला उठा है। उसने कहा कि भारत के साथ उसके पड़ोसी नहीं हैं। वो बिना जमीन के आत्मविश्वास दिखा रहा है। इतना ही नहीं जापान को भी उल्टे नसीहत देते हुए चीन ने कहा कि बिना पूरे मुद्दे को जाने जापान बयान न दे। अमेरिका के बाद जापान के इस रुख से बौखलाए चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने तो यहां तक लिख दिया कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत की पकड़ कमजोर हुई है और डोकलाम मुद्दे पर अधिकांश देश या तो चीन के साथ हैं या निष्पक्ष हैं। 

ये भी पढ़ें- चीन दिखा रहा युद्ध की तैयारियां, तिब्बत में ब्लड बैंक स्थापित किए

सूत्रों का कहना है कि भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सू ने अपने एक प्रतिनिधि मंडल के साथ मिलकर भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोब्गे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने डोकलाम मुद्दे को लेकर अपना नजरिया बताया। डोकलाम को लेकर चीन के रुख पर नजर बनाए रखने वाले उनके प्रतिद्वंदी जापान ने इस मामले में भारत के नजरिये पर सहमति जताई है। जापान शुरू से ही इस मामले में अपनी निगाह बनाए हुए है. क्योंकि उसे लगता है कि यह गतिरोध पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। बता दें कि चीन के साथ कुछ ऐसी ही स्थिति से जापान भी निपट चुका है। जापान का इस डोकलाम विवाद को लेकर मानना है कि किसी भी पक्ष को ताकत के बल पर विवादित स्थल की यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इस दौरान जापान ने माना कि यथास्थिति बदलने की कोशिश चीन की ओर से हो रही है जिसकी जापान आलोचना करता है। 

ये भी पढ़ें- ट्रंप के मेड इन अमेरिका अभियान को बड़ा झटका, 11 सीईओ के इस्तीफे के बाद दो परामर्श परिषदें निरस्त


बता दें कि पिछले कुछ दिनों से चीन से जारी गतिरोध के बीच चीनी मीडिया के माध्यम से पड़ोसी देश कई तरह की चेतावनी भारत को देता आ रहा है। पिछले दिनों तिब्बत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पत्थरबाजी तक हो गई। इसके बाद दोनों तरह के अधिकारियों ने इस तरह की हरकतों के दौरान नहीं दोहराए जाने की बात कही। इस सब के बीच अमेरिका ने भारत के रूख का समर्थन किया और अब जापान ने भी डोकलाम विवाद के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है। जापान ने राजनयिक माध्यम से भारत के साथ ही भूटान को भी अपना समर्थन दिया है। 

ये भी पढ़ें- चुनाव आयुक्त का हल्ला बोल, कहा- हर हाल में जीत के लिए राजनीतिक दल लिखते हैं अपनी अलग स्क्रिप्ट

वहीं चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि डोकलाम विवाद के बाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत की पकड़ कमजोर हो गई है। 2 दिन पहले नेपाल के राष्ट्रपति ने चीन का दौरा किया था। वह चीन की वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करते हैं। साथ ही नेपाल अपनी धरती पर चीन के खिलाफ होने वाली किसी भी गतिविध को इजाजत नहीं देगा।

 

Todays Beets: