नई दिल्ली।
सिक्किम से सटे डोका ला क्षेत्र में भारत और चीन के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर चीन के तेवरों में नरमी आई है। चीन ने कहा कि वह इस यात्रा के वैकल्पिक मार्गों पर भारत से चर्चा के लिए तैयार है। बता दें कि दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ने पर चीन ने नाथुला दर्रे के जरिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने पर तीर्थ यात्रियों को रोक दिया था। चीन ने यह रास्ता बंद कर दिया है।
ये भी पढ़ें- पुलवामा में सेना के कैंप से हथियारों को लेकर जवान फरार, दो एके—47 और तीन मैगजीन लेकर भागा सैनिक
भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता शीए लियान ने एक बयान में कहा कि लिपुलेख दर्रा के जरिए आधिकारिक यात्रा और ल्हासा एवं पुरांग के जरिए गैर आधिकारिक यात्रा अब भी सामान्य है। उन्होंने कहा, कैलाश मानसरोवर में भारतीयों की यात्रा चीन एवं भारत के लोगों के बीच आपसी संबंधों एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान का अहम अंग है। उन्होंने कहा कि इस साल दोनों पक्षों ने सहमति जताई थी कि नाथुला दर्रा के जरिए शिजांग की यात्राओं में सात जत्थों में कुल 350 यात्री हिस्सा लेंगे। लेकिन, यात्रियों की रवानगी से कुछ ही दिन पहले भारतीय सीमा बल चीनी क्षेत्र आ गए और उन्होंने डोकलाम में चीनी सैन्य बलों की सामान्य गतिविधियों को बाधित किया। इसके बाद चीन को नाथुला दर्रे के जरिए भारतीय यात्रियों के प्रवेश को रोकना पड़ा।
ये भी पढ़ें- 'बैंड-बाजा-बारात' गैंग के छोटे बच्चों का सैलरी पैकेज लाखों में, काम- शादी समारोह से शगुन वाला बैग चुराना
लियान ने अपने बयान में भारतीय सेना पर चीनी सीमा में घुसने का आरोप लगाया, जबकि इस मामले में भाारत का कहना है कि डोका ला क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण से स्थिति में बहुत बदलाव आएगा और भारत की सुरक्षा पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए भारत ने इस क्षेत्र में सेना भेजी है।