नई दिल्ली। सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर जानबुझकर उसे न लौटाने वालों के नाम सार्वजनिक नहीं करने पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कड़ी फटकार लगाई है। सीआईसी ने एक बार फिर जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों के नाम का खुलासा करने और बैड लोन पर रघुराम राजन के पत्र को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने अपने आदेश में कहा कि यदि किसी वजह के आधार पर पीएमओ उनके नाम सार्वजनिक नहीं करता है तो उसे ऐसा करने के पीछे की वजह बताना चाहिए।
गौरतलब है कि सूचना आयुक्त ने संदीप सिंह द्वारा आरटीआई के तहत दायर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पीएमओ द्वारा पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के पत्र पर की गई कार्रवाई का खुलासा नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह कानून के भी खिलाफ है। बता दें कि संदीप सिंह के द्वारा दायर याचिका में बैंकों के कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाने वालों के नाम की जानकारी मांगी गई है।
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यहां बता दें कि केंद्रीय सूचना आयोग इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने और आयोग के निर्देश के बावजूद डिफाल्टरों के नाम नहीं बताने पर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है। सूचना आयुक्त ने कहा कि पीएमओ किसी भी नागरिक को उसके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता है। वहीं पीएमओ की ओर से कहा गया है कि आरटीआई आवेदन मूल रुप से पीएमओ के साथ दायर नहीं की गई थी ऐसे मंे सूचना नहीं दी जा सकती है और इस पर सूचना आयुक्त के आदेश का पालने करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।