नई दिल्ली। एयरपोर्ट पर जांच और अभिवादन करने वाले सीआईएसएफ के जवानों और अधिकारियों से ज्यदातर लोगों का वास्ता तो जरूर पड़ा होगा। दरअसल, सुरक्षा अधिकारी के चेहरे पर मुस्कुराहट शिष्टाचार के तहत होता है. पर ऐसा रणनीति के तहत भी किया जा रह है। मनोवैज्ञानिक रणनीति के तहत चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ सीआईएसएफ के अधिकारी और जवान एयरपोर्ट पर संदिग्ध यात्री की टोह लेते रहते हैं। मुस्कान के जरिए सीआईएसएफ के अधिकारी और जवान यात्रियों के विरोधात्मक रवैया को जागने ही नहीं देते। यात्री सामने वाले के स्वभाव से खुश रहते हैं और जांच में उनका रवैया सहयोगात्मक रहता है।
दरअसल सीआईएसएफ के जवान अभिवादन से मिले जवाब से यात्री को भांपते हैं और उनकी मनोदशा का आंकलन करते हैं। इसी आंकलन के आधार पर सीआईएसएफ के अधिकारी संदिग्ध यात्री को पकड़ने में कामयाब भी रहते हैं। सीआईएसएफ को मिली सफलता उसकी मनोवैज्ञानिक रणनीति को प्रमाणित भी करती है। कई बार तनाव से घिरे यात्री बोर्डिंग एरिया और विमान में अप्रिय स्थिति पैदा कर देते हैं। जिससे वहां की शांति भंग जाती है और दूसरे यात्रियों के लिये खतरा उत्पन्न हो जाता है। एयरपोर्ट पर विरोधाभासी परिस्थितियों से निपटने लिए सीआईएसएफ ने मुस्कान और अभिवादन को अपने माॅड्यूल में शामिल किया है।