लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोमवार को चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए उनके चुनाव प्रचार और किसी भी प्रकार के बयान देने के साथ ही चुनाव से जुड़ी गतिविधियों पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया है । इसके बाद मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुबह 9 बजे बजरंग सेतु मंदिर पहुंज गए । उन्होंने यहां बजरंगबली की पूजा करने के साथ ही मंदिर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया । हालांकि इस दौरान न तो उन्होंने किसी से बात की न ही मीडिया के सामने रुके , लेकिन अपने क्रियाकलापाों से वह अपना संदेश दे गए । उन्होंने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि आयोग किसी की आस्था पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता । इसलिए उन्होंने मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया ।
बता दें कि लोकसभा चुनावों में प्रचार को लेकर नेताओं के विवादित बोल का क्रम तेज हो गया है । इसी क्रम में चुनाव आयोग ने सोमवार को बसपा प्रमुख मायावती , सीएम योगी आदित्यनाथ , भाजपा नेत्री मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान के चुनाव प्रचार पर कुछ समय से लिए पाबंदी लगा दी है । वहीं चुनाव आयोग के नोटिस पर सीएम योगी ने अपना जवाब सौंप दिया है, योगी आदित्यनाथ ने खत में लिखा है कि संविधान में हर नागरिक को आस्था की आजादी है। बजरंग बली में मेरी अटूट आस्था है, किसी को बुरा लगने के डर से में आस्था नहीं छोड़ सकता।
असल में योगी आदित्यानाथ ने मेरठ में बसपा सुप्रीमो मायावती के मुस्लिमों के संबोधित करते हुए दिए एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर सपा-बसपा-रालेद के साथ अली हैं तो हमारे साथ बजरंगबली हैं । इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके और मायावती के बयान का संज्ञान लेते हुए मायावती पर मंगलवार सुबह 6 बजे से अगले 48 घंटे तो योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने को लेकर प्रतिबंध लगाया था।
चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विरोधियों ने जिस तरह की सियासत शुरू की थी, मुझे उसका जवाब देना पड़ा था । उन्होंने कहा कि बजरंगबली में मेरी आस्था है और वो मेरे आराध्य देव हैं। उन्होंने कहा कि हरे वायरल के बयान से मेरी मंशा किसी को ठोस पहुंचाने की नहीं थी । मैंने जो भी टिप्पणी की थी वो महज सिर्फ मायावती को जवाब देने के लिए थी।