नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को राफेल सौदे को लेकर आड़े हाथों लिया। राहुल गांधी ने एक ई मेल को लोगों को सामने रखा, जिसमें फ्रांस के रक्षामंत्री से भारतीय बिजनेस मैन अनिल अंबानी के मुलाकात की बातों का जिक्र है। राहुल गांधी ने इस ई-मेल के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि एयरबस कंपनी के एक एक्जीक्यूटिव की एक मेल से राफेल सौदे में अनिल अंबानी की भूमिका सामने आई है। उन्होंने कहा कि मेल में लिखा गया है कि फ्रांस के रक्षामंत्री से अनिल अंबानी मिले थे, जिन्हें फ्रांस के रक्षामंत्री को बताया कि 10 दिन बाद भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी आएंगे और राफेल सौदे पर एक MOU साइन करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की।
विदेश सचिव को नहीं पता पर अंबानी को कैसे पता...
इस दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बालते हुए कहा कि इस राफेल सौदे को लेकर जब भारतीय रक्षामंत्री ने कहा कि उन्हें सौदे के बारे में नहीं पता है, न ही इस सौदे की जानकारी विदेश सचिव को और एचएएल को थी, लेकिन राफेल सौदे से 10 दिन पहले अनिल अंबानी को कैसे हो गई। क्या पीएम मोदी ने अनिल अंबानी के मिडेल मैन के रूप में काम किया है। पीएम मोदी ने अनिल अंबानी की मदद की। लेकिन अब सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही है।
सौदा छिपाने का प्रयास हो रहा है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि एयरबस कंपनी के एक्जीक्यूटिव की इस मेल के सामने आने के बाद साफ हो गया है कि देश के रक्षामंत्री को भले ही देश के सबसे बड़े रक्षा सौदे के बारे में नहीं पता था, लेकिन पीएम मोदी ने गोपनीयता के कानून का उल्लंघन करते हुए इसकी जानकारी अनिल अंबानी को दी। अब मोदी सरकार इस सौदे को छिपाने का प्रयास कर रही है।
CAG को दी नहीं परिभाषा
इस दौरान राहुल गांधी ने कैग को नए रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि कैग की परिभाषा बदल गई है। कैग मतलब चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट है। अब ऐसे में मेरे खिलाफ जितनी जांच करनी है, मोदी सरकार करे, विपक्ष के खिलाफ जितनी जांच बैठानी है बैठाए, लेकिन इस सौदे पर बताए कि जो सूचना देश के रक्षामंत्री को नहीं थी, वह अनिल अंबानी को कैसे हुई। साफ है पीएम मोदी ने दी है। मोदी एक भ्रष्ट नेता है। मोदी सच्चाई से डर रहे हैं , इसलिए इस मामले की जेपीसी जांच से डर रहे हैं।