नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच लड़ाकू विमान राफेल की खरीद को लेकर हुई डील पर देश में राजनीति तेज हो गई है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने देश को झूठ बोला है, पहले उन्होंने कहा कि वे विमानांे की कीमत बताएंगी लेकिन बाद में इसे फ्रांस के साथ हुए समझौतों की वजह से बताने से इंकार दिया था। राहुल गांधी के इस बयान पर सदन में खूब हंगामा मचा था। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया था। अब इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस भी रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुट गई है।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि फ्रांस सरकार के साथ ऐसा कोई भी समझौता नहीं हुआ है जिसके तहत विमानों की कीमत नहीं बताई जाएगी। वहीं तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच विमानों की कीमतों को सार्वजनिक न करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विमानों की कीमतों की जानकारी के आधार पर ही कैग और लेखा समितियों के द्वारा इसका आॅडिट किया जाएगा।
यहां बता दें कि आनंद शर्मा ने कहा, ‘संसद के प्रति सरकार की जवाबदेही है कि वह बताए, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने राफेल सौदे की कीमत के मामले में देश को गुमराह क्यों किया? फ्रांस की सरकार को राफेल विमानों की कीमत बताने पर कोई आपत्ति नहीं है, फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी से यह बात कही है।’
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एंटनी के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने राफेल सौदे पर संसद को गुमराह किया, यह विशेषाधिकार हनन का स्पष्ट मामला है।