नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस उपराष्ट्रपति के द्वारा ठुकराए जाने के बाद कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के संकेत दिए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संविधान में न्यायपालिका को सभापति के फैसले की समीक्षा का अधिकार है। इस मामले पर उठे सियासी तूफान के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोमवार से ‘संविधान बचाओ’ अभियान शुरू करेंगे। कांग्रेस की योजना इस अभियान को पूरे देश में चलाने की है।
गौरतलब है कि संविधान बचाओ अभियान के पहले चरण की शुरुआत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक सम्मेलन से होगा और यह अभियान अगले साल संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) तक जारी रहेगा। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जजों के द्वारा किए गए प्रेस कांफ्रेंस को लेकर उठे सवालों पर भी कांग्रेस पार्टी ने सख्त रुख अपनाया है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने के बाद इसके तथ्यों की जानकारी मीडिया को न देने का कोई नियम नहीं है। संविधान में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है।
ये भी पढ़ें - कांदीवली में शिवसेना नेता की गोली मारकर हत्या, पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी
केटीएस तुलसी ने कहहा कि जजों के प्रेस कांफ्रेंस पर सवाल उठाने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिसंबर 2009 में जस्टिस दिनाकरन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस देने के बाद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के साथ मीडिया को संबोधित किया था। राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी ने इसके बेकार मुद्दा बताते हुए कहा कि अरुण जेटली को जवाब देना चाहिए कि जस्टिस दिनाकरण के मामले में महाभियोग का नोटिस देने के बाद उन्होंने मीडिया को क्यों संबोधित किया था?