नई दिल्ली । चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की कवायत को विपक्ष ने तेज कर दिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत 7 दलों का समर्थन मिल गया है। सपा-बसपा, सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी, मुस्लिम लीग ने इस महाभियोग प्रस्ताव का किया समर्थन किया है। इस सब के बाद अब विपक्ष के नेताओं के एक दल ने उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू के घर में उनसे मिलकर उन्हें ये महाभियोग प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव पर 71 सांसदों के हस्ताक्षर है।
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बता दें कि विपक्ष ने देश के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के लिये महाभियोग प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। विपक्ष के नेताओं की एक अहम बैठक में इसपर निर्णय लिया गया। इसमें विपक्ष के 7 दलों के 60 राज्यसभा सांसदों ने महाभियोग नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि इस बारे में याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ राजनैतिक दलों ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, हालांकि इनसे भी बात चल रही है। टीएमके और डीएमके ने महाभियोग नोटिस पर हस्ताक्षर नहीं किए। महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्ष करने वालों में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मुस्लिम लीग, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।
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पराष्ट्रपति से मुलाकात के बाद एक पत्रकार वार्ता कर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 71 सांसदों के हस्ताक्षर वाला नोटिस उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू को सौंपा है। पत्रकार वार्ता में गुलाम नबी आजाद ने जहां उपराष्ट्रपति से मुलाकात के बारे में बताया , वहीं बाद में कपिल सिब्बल ने कहा कि वह ये बताएंगे कि आखिर उन्होंने ये कदम क्यों उठाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीजेआई के खिलाफ तो सुप्रीम कोर्ट के ही 4 जजों को सामने आना पड़ गया था। चारों जज बताना चाहते थे कि चीजें सही नहीं हो रही हैं । चीफ जस्टिस के प्रशासनिक फैसलों से नाराजगी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पास महाभियोग के लिए जरूरत से ज्यादा सांसद हैं।
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