नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी और सिविक एजेंसियों को दिल्ली के करोल बाग और झंडेवालान के बीच मौजूद विशाल हनुमान की मूर्ति को एयरलिफ्ट करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए, जिसमें करोल बाग की सड़कों पर लगातार बढ़ रही अतिक्रमण को लेकर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एमसीडी और सिविक एजेंसियों को इस बात की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं कि क्या इस मूर्ति को यहां से हटाकर किसी दूसरी जगह स्थापित किया जा सकता है।
इस दौरान हाईकोर्ट ने सिविक एजेंसियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि सिविक एजेंसी दिल्ली में किसी एक जगह के बारे में जानकारी दें, जहां पर अतिक्रमण ना हुआ हो और वहां यातायात के नियमों का पालन होता हो।
बता दें कि हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- करोल बाग और झंडेवालान के बीच करीब डेढ़ दशक पुरानी 108 फुट ऊंची हनुमान की मूर्ति को एयरलिफ्ट किया जा सकता है या नहीं। सिविक एजेंसिया और एमसीडी इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट दे। इस मुद्दे में दोनों की एजेंसियां उपराज्यपाल के साथ भी बैठक करें और इसे एयलिफ्ट कराने के संबंध में मंथन करें।
याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा अमेरिका में भी कई जगहों पर कई ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट की जाती हैं, क्या हम भी ऐसा कर सकते हैं।
बता दें कि हनुमान मूर्ति के आसपास अतिक्रमण हटाने का मुद्दा तब सामने आया, जब सिविक एजेंसियों ने हाईकोर्ट से संबंधित इलाके के एक थाने से जुड़े आदेश में संशोधन की मांग की। 15 नवंबर तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए सुनवाई की अगली तारीफ 24 नवंबर तय की है।