नई दिल्ली। क्रीमी लेयर के आधार पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है कि क्रीमी लेयर के चलते एसी और एसटी की श्रेणी से बाहर आने के बाद भी उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाएग। कोर्ट ने यह भी कहा कि इन सुमदायों के लोगों पर एक ठप्पा लगा हुआ है। इसके बाद सरकार की ओर से अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और 5 जजों की बेंच को जानकारी देते हुए कहा कि क्रीमी लेयर के सिद्धांत के अनुसार एससी/एसटी के पिछड़ेपन की श्रेणी से बाहर निकल गए लोगों को भी पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
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गौरतलब है कि कानून के जानकारों ने बताया कि आज भले ही अनुसूचित जाति और जनजाति के कुछ लोग बेहतर स्थिति में आ गए हों लेकिन उनपर आज भी एससी-एसटी का ठप्पा लगा हुआ है। पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा भी हैं।
यहां बता दें कि 5 न्यायाधीशों की पीठ यह देख रही है कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में ‘क्रीमी लेयर’ से जुड़े उसके 12 वर्ष पुराने फैसले को सात सदस्यीय पीठ द्वारा फिर से देखने की जरूरत तो नहीं है।