नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। अब केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने उनके खिलाफ लगे 6 आरोपों की जांच शुरू कर दी है। इनमें बैंकों से करोड़ों का घोटाला करने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन के खिलाफ जारी हुए लुक आउट सर्कुलर को लीक करने के आरोप भी शामिल हैं। एक अंग्रेजी अखबार की खबरों के अनुसारी सीबीसी ने सरकार को नए आरोपों के बारे में सूचित किया है।
गौरतलब है कि आलोक वर्मा के खिलाफ यह शिकायतें भ्रष्टाचार निरोधी इकाई की जांच रिपोर्ट के बाद सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आलोक वर्मा पर लगे 10 आरोपों पर उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए जिसे उनके पूर्व नंबर 2 रहे विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने लगाया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीवीसी ने सीबीआई को 26 दिसंबर को एक पत्र लिखकर इन मामलों से संबंधित सभी दस्तावेजों को मुहैया कराने को कहा है ताकि जांच किसी तार्किक निष्कर्ष पहुंचा जाए।
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यहां बता दें कि आलोक वर्मा पर इस बात के भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ जारी हुए लुक आउट नोटिस की खबरों के जुड़ी ईमेल को लीक किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसा तब किया जब सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच चरम पर थी। एजेंसी ने जून 2018 में संयुक्त निदेशक राजीव सिंह (नीरव मोदी के मामले की जांच करने वाले अधिकारी) के कमरे को लॉक कर दिया था। वहीं वर्मा पर दूसरा आरोप एयरसेल के शिवशंकरन के खिलाफ जारी हुए लुक आउट नोटिस को कमजोर करने का है। बता दें कि आईडीबीआई बैंक में 600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले शिवशंकरन ने को भारत से जाने की इजाजत दी गई। यह जानकारी मिली है कि संयुक्त निदेशक रैंक के अधिकारी ने शिवशंकरन से अपने दफ्तर और पांच सितारा होटल में मुलाकात की थी।