दावोस । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दाबोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (WEF) के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 1997 में पहली बार भारतीय पीएम देवेगोड़ा दावोस आए थे ,उस जमाने में न कोई ओसामा बिन लादेन को जानता था न ही हैरी पॉटर को, लेकिन उस जमाने में भी दावोस समय से बहुत आगे था और आज भी दावोस अपने समय से आगे है। इस वर्ष इसका विषय दरारों के भरे विश्व में सांझा भविष्य का निर्माण रखा गया है। इससे विश्व के स्वरूप में दुरगामी परिणाम नजर आ रहे हैं। विश्व के सामने सुरक्षा-शांति को लेकर नई और गंभीर चुनौतियां हम महसूस कर रहे हैं। जोड़ने मोड़ने और तोड़ने का उदाहरण सोशल मीडिया के रूप में नजर आता है। डेटा एक बहुत बड़ी संपदा है। इससे कई अवसर बन रहे हैं तो कई चुनौतियां भी। डेटा के पहाड़ बन रहे हैं, जिनपर नियंत्रण की दौड़ लग रही है। जो डेटा पर नियंत्रण रखेगा वहीं भविष्य में अपना सिक्का चलाएगा। इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया के सामने तीन चुनौतियां उजागर की। इसमें पहला जलवायु परिवर्तन, दूसरा आतंकवाद है जो दुनिया के लिए इस समय सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और तीसरा है आत्म केंद्रीत होना।
पीएम मोदी ने कहा कि दावोस की इस बैठक में शामिल होते हुए मुझे काफी हर्ष हो रहा है। सबसे पहले में इस पहल के लिए इसके आयोजकों को साधुवाद देता हूं। इसके पीछे इनकी मंशा दुनिया के हालात सुधारना है। उन्हें आर्थिक और राजनीतिक सामजस्य बनाकर इन दोनों को जोड़ा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा- दोस्तों दावोस में आखिरी बार भारतीय पीएम देवेगोड़ा 1997 में आए थे। उस दौरान तकनीकी और डिजिटल उपलब्धियां देखें तो 1997 का विषय बहुत पुराना एक काल नजर आता है। आज हम नेटवर्क सोसायटी नहीं बल्कि बिग डेटा, रॉबोट की दुनिया में जी रहे हैं। उस दौरान यूरो मुद्रा नहीं थी और न ही अन्य इतने उन्नत थे। हैरी पॉटर और ओसामा बिन लादेन का नाम भी उस दौरान नहीं सुना गया था, उस दौरान साइबर स्पेस में गूगल नहीं आया था। अगर 1997 में अमेजन के बारे में कुछ खोजते तो नदियों और जंगलों के बारे में सूचना मिलती। उस दौरान ट्वीट चिड़ियां किया करती थी। वह पुराना जमाना हो गया है।
उस जमाने में भी दावोस समय से बहुत आगे था और आज भी दावोस अपने समय से आगे है। इस वर्ष इसका विषय दरारों के भरे विश्व में सांझा भविष्य का निर्माण रखा गया है। इससे विश्व के स्वरूप में दुरगामी परिणाम नजर आ रहे हैं। विश्व के सामने सुरक्षा-शांति को लेकर नई और गंभीर चुनौतियां हम महसूस कर रहे हैं।
जोड़ने मोड़ने और तोड़ने का उदाहरण सोशल मीडिया के रूप में नजर आता है। डेटा एक बहुत बड़ी संपदा है। इससे कई अवसर बन रहे हैं तो कई चुनौतियां भी। डेटा के पहाड़ बन रहे हैं, जिनपर नियंत्रण की दौड़ लग रही है। जो डेटा पर नियंत्रण रखेगा वहीं भविष्य में अपना सिक्का चलाएगा। विनाशकारी शक्तियों के विस्तार से पहले से चली रही चुनौतियां और बढ़ रही हैं। बहुत से बदलाव ऐसी चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं, जिन्होंने मानव जाति के लिए कई चीजों को काफी दुर्गम बना दिया है।
इस दौरान पीएम ने दुनिया के सामने तीन चुनौतियों रखी। जिसमें वातारण में आ रहे परिवर्तन को एक बड़ा संकट करार दिया। उन्होंने कहा कि कहीं गर्मी से लोग बेहाल हो रहे हैं तो कहीं ठंड से और कहीं बाढ़ ने कहर मचाया हुआ है। उन्होंने कहा कि आज ग्लेशियर पिघल रहे हैं, इससे गर्मी बढ़ रही है। कहीं ठंड बढ़ रही है तो कहीं बाढ़ का खतरा है। वहीं दूसरी चुनौती आतंकवाद है, जिसमें गुड टेरेरिज्म और बैड टेरेरिज्म अपनी जगह बना रहे हैं। वहीं तीसरी चुनौती आत्म केंद्रीत होना है।
जानिए क्या है खास...
.1- बता दें कि इस बार विश्व आर्थिक मंच का सम्मेलन भारत के लिए कई मायनों में खास है। स्विटजरलैंड के शहर दावोस में अभी बर्फ के अलावा भारतीय कंपनियों के विज्ञापन ही देखे जा रहे हैं। एक और बड़ी बात यह है कि WEF के 48वें सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से हुआ। भारतीय समयानुसार 3:30 बजे पीएम मोदी ने अपनी स्पीच दी। हालांकि पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कीनोट स्पीच दी थी।
2- जिनपिंग की तरह मोदी ने भी आर्थिक मोर्चों पर भारत की कामयाबी का हवाला देकर वैश्विक कारोबारियों से भारत में आकर व्यापार करने का आह्वान किया।
3- नरेंद्र मोदी दो दशकों में दावोस सम्मेलन में शिरकत करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले मोदी सोमवार को दावोस पहुंचते ही सक्रिय हो गए थे। उन्होंने स्विस प्रेजिडेंट से मुलाकात की और राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में इंटरनैशनल बिजनस फोरम के 120 सदस्यों से बातचीत की। उन्होंने 18 देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रमुखों के लिए डिनर का आयोजन किया।
4- इस दौरान खास बात यह है कि पीएम मोदी के साथ 6 केंद्रीय मंत्री, दिग्गज कारोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल और दो योग शिक्षक भी हैं। ये योग शिक्षक हफ्तेभर चलनेवाले इस पूरे समारोह में योग की ट्रेनिंग देंगे।
5- विश्व आर्थिक मंच की वाषिर्क बैठक में 60 देशों के राष्ट्राध्यक्षों सहित 350 राजनेता, दुनिया की प्रमुख कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े दुनिया भर के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
6-इस बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल, तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर भी शिरकत कर रहे हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
भाषण से पहले खुशखबरी!
पीएम नरेंद्र मोदी के दावोस पहुंचने से पहले ही भारत के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. अंतरर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को उम्मीद जताई है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी. खास बात यह है कि इसी दौरान चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी. इस तरह भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं मे सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.
मोदी संग पहुंचा है बड़ा प्रतिनिधिमंडल
उनके साथ इस सम्मेलन में सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी दावोस पहुंचा है। इसमें 6 केंद्रीय मंत्री, 100 सीईओ और कुछ मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी ताज होटल ग्रुप के शेफ की टीम को दी गई है। यह टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी खाना बनाएगी। खास बात यह है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए भारत से 32 शेफ की टीम और 1,000 किलो मसाले भी दावोस ले जाए गए हैं।