नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच अभी भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल (एलजी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि पिछले 15 घंटों से अरविंद केजरीवाल अपनी तीन मांगों के पूरा नहीं होने पर अपने कैबिनेट के सहयोगी मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और सत्येंद्र जैन के साथ राज निवास के वेटिंग रूम में ही धरने पर बैठे हुए हैं। केजरीवाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं वह यहीं धरने पर बैठे रहेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में उनकी सरकार के द्वारा कार्य को अंजाम नहीं देने के लिए हमेशा उपराज्यपाल को जिम्मेदार ठहराया है। सीएम केजरीवाल ने देर रात एलजी हाउस से ही ट्विट कर कहा कि ‘उन्होंने अपनी मांगों की एक लिस्ट एलजी को सौंपी लेकिन उन्होंने मानने से इंकार कर दिया।’ उन्होंने कहा कि लोगों के सरकार की मांगों पर कार्रवाई करना एलजी का संवैधानिक कर्तव्य है लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं किया जाएगा वे यहीं बैठे रहेंगे। इसके बाद सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि हमारी तीन मांगें हैं। एक, चार महीने से जारी अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराई जाए। दूसरी, काम नहीं करने और रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और तीसरी राशन की डोर टू डोर डिलीवरी योजना को मंजूरी दी जाए।
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यहां बता दें कि सिसोदिया ने लिखा कि हड़ताल के बारे में हमने एलजी से पांच बार मुलाकात की लेकिन उन्होंने इसे खत्म कराने के लिए कुछ नहीं किया। यदि एलजी इस तरह हड़ताल का समर्थन करेंगे तो चुनी हुई सरकार कैसे काम करेगी। इससे पहले सुबह शुरू हुए हाईवोल्टेज ड्रामे में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का आम आदमी पार्टी का प्रस्ताव सोमवार को विधानसभा में पारित कराया गया। बाद में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर एलजी दिल्ली छोड़ो अभियान की शुरुआत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र और पीएमओ लगातार हमारे काम में अड़ंगा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। सीबीआई, एसीबी जैसी सरकारी एजेंसियों को हमारे पीछे लगाकर काम करने से रोका जा रहा है।