नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के नेताओं पर पिछले कुछ सालों में कई लोगों ने अलग-अलग तरह की शिकायत करते हुए अलग-अलग थानों में मामले दर्ज करवाए। बाद में पुलिस ने इस मामले में जांच की लेकिन कोर्ट में पहुंचे इन मामलों में से कई को कोर्ट ने खारिज कर दिया । इस सब के चलते अब दिल्ली पुलिस ने अपने मामलों को कोर्ट में पेश करने से पहले उनकी गहन जांच करने की रणनीति बनाई है। इसी क्रम में पिछले दिनों दक्षिण रेंज के स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) ने क्षेत्र के 7 डीसीपी की बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान उनसे अन्य मामलों के साथ ही आम आदमी पार्टी के विधायकों और नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों की चार्जशीट दाखिल करने से पहले मामलों की एक बार फिर से गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोर्ट में दिल्ली पुलिस को खरी-खरी न सुननी पड़े।
सीपी ने दिए थे DCP संग चर्चा के निर्देश
सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों दिल्ली के पुलिस कमिश्नर (सीपी) ने स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय को निर्देश दिए थे कि वो उन सभी DCP से मिलने को कहा था, जो उन्हें रिपोर्ट करते हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के सांसद- विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले पर विचार-विमर्श भी करने को कहा।
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गहन जांच के बाद ही दाखिल करें चार्जशीट
सूत्रों के अनुसार , पुलिस कमिश्नर के निर्देशों के बाद स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय ने गत शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में 7 डीसीपी की बैठक बुलाई । बैठक में उन्होंने सभी डीसीपी को बचे हुए मुकदमों की जांच काफी गहन तरीके से करने की बात कही। उन्होंने सभी डीसीपी को निर्देश दिए कि सभी मामलों की गहन जांच किए जाने के बाद ही आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करें । उन्होंने सख्त हिदायत दी कि जांच अधिकारी पर मामले की जांच न छोड़ दी जाए। इन मामलों में पुलिस के विधि विभाग की मदद ली जाए।
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आप को लेकर स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट का हुआ गठन
बता दें कि आम आदमी पारप्टी के विधायकों - सांसदों के कुछ मामलों में घिरने के बाद मामलों की जांच की सुनवाई के लिए करीब 5 महीने पहले एक स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया था। आप के नेताओं के खिलाफ दर्ज करीब 22 मामलों में से पुलिस अपनी चार्जशीट के जरिए कोई मजबूत सबूत कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। इस सब के चलते आप के 22 मामलों में से 19 में पार्टी नेता या तो रिहा हो गए हैं, या कोर्ट ने उन्हें बेगुनाह माना है।
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सीएम-डिप्टी सीएम को मिली राहत
दिल्ली पुलिस द्वारा आप विधायकों के खिलाफ दर्ज जिन मामलों में वह उनके खिलाफ दोष साबित करने में सफल नहीं हुई, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पविहन मंत्री कैलाश गहलोत और पूर्व मंत्री असीम अहमद खान मौजूद हैं। इसके अलावा भी कई अन्य पदाधिकारियों को कोर्ट ने बेगुनाह करार दिया है।