नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को एक बार फिर से राफेल की गूंज सुनाई दे सकती है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दिया है। इसके बाद भी कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आज संसद में एक बार फिर से सियासी जंग होने के आसार हैं। विपक्ष के अनुसार वे बिना मतदान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग कर रही है। बता दें कि लोकसभाध्यक्ष के साथ हुई बैठक में सरकार और विपक्ष कराने पर सैद्धांतिक तौर पर तैयार थी।
गौरतलब है कि राफेल सौदे की जांच के लिए विपक्षी दलों द्वारा जेपीसी के गठन की मांग कर रही है। जेपीसी गठन की मांग के बाद भी कांग्रेस चर्चा कराने की बात पर तैयार हो गई थी। कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि पार्टी चर्चा पर सरकार की चुनौती स्वीकार करती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर ही मोदी सरकार को निशाना साधने की कोशिश करेगी।
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यहां बता दें कि पक्ष विपक्ष दोनों के बीच इसे लेकर जोरदार बहस होने की संभावना है। सरकार की ओर से कहा जा सकता है कि कांग्रेस अपने मनमाफिक फैसला न आने के कारण सुप्रीम कोर्ट को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रही है। गौर करने वाली बात है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस ने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री पर और भाजपा ने राहुल पर गलतबयानी करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।