चेन्नई । लोकसभा चुनावों के पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस सब के बीच राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति के साथ अब अपने घोषणापत्र को भी जारी करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में तमिलनाडु प्रमुख विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने मंगलवार को अपनी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र जारी किया। इसमें DMK ने जहां लोकलुभावन वादे किए हैं, वहीं उन्होंने कुछ ऐसी घोषणाएं की हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ ही समुदाय का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। असल में डीएमके ने जहां पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारे को रिहा कराने का वादा भी किया है।
अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका जिक्र किए जाने के बाद दक्षिण भारत की सियासत में विवाद शुरू हो गया है। वहीं उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक नोटबंदी के कथित 'पीड़ितों' के परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा की है।
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डीएमके के घोषणापत्र के बाद सियासी विवाद
बता दें कि तमिलनाडु और पुडुचेरी में 18 अप्रैल को एक ही चरण में चुनाव का मतदान कराया जाएगा, जिसमें डीएमके राज्य की 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस सब के बीच डीएमके ने कुछ देर पहले ही अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया है। चेन्नई में जारी किए गए इस घोषणा पत्र में यूं तो कई मुद्दों को उठाया गया और कई वादे जनता से किए गए हैं, लेकिन दो बातें अंतरराष्ट्रीय जगत में सुर्खियों का केंद्र बन गई हैं। इसमें जहां डीएमके ने राजीव गांधी मर्डर केस में शामिल लोगों को जेल से रिहा कराने का वादा किया है। वहीं नोटबंदी के पीड़ितों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया है। असल में इसस पहले भी डीएमके कई बार राज्य सरकार और तमिलनाडु के राज्यपाल से राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने की मांग कर चुकी है। बहरहाल, इस बार अपने घोषणापत्र में इन बातों का जिक्र किए जाने से तमिलनाडु की सियासत में हंगामा मच गया है।
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श्रीलंकाई शरणआर्थियों को देंगे नागरिकता
इतना ही नहीं DMK ने अपने घोषणापत्र में पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की घोषणा की है। वहीं श्रीलंका से आए शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने, मनरेगा के तहत 150 दिन रोजगार की गारंटी देने, प्रदेश के छात्रों का एजुकेशन लोन माफ, राज्य को नीट (सामान्य चिकित्सा परीक्षा) से छूट दिलाने जैसे कई वादे किए हैं।