Saturday, April 20, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

भारत को युद्ध की धमकियां देने वाला चीन डोकलाम से हटाएगा अपनी सेनाएं, भारत की बड़ी कूटनीति जीत

अंग्वाल न्यूज डेस्क
भारत को युद्ध की धमकियां देने वाला चीन डोकलाम से हटाएगा अपनी सेनाएं, भारत की बड़ी कूटनीति जीत

नई दिल्ली । डोकलाम सीमा विवाद पर चीन द्वारा भारत को युद्ध की लगातार धमकियों और चेतावनियों को दरकिनार करने वाली मोदी सरकार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत को इस मुद्दे पर कूटनीतिक जीत मिली है। चीन डोकलाम सीमा से अपनी सेनाएं पीछे हटाने के लिए तैयार हो गया है। हालांकि भारत को भी अपनी सेनाएं हटानी होगीं। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि पहले किसकी सेना हटेगी लेकिन बताया जा रहा है कि इस बात पर सहमति बनी है कि चीन वहां सड़क नहीं बनाएगा। आने वाले दिनों में चीन में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के इस विवाद के खत्म होने से बढ़ता तनाव अब खत्म हो गया है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए इस बात की पुष्टि कर दी है। 

72 दिन पुराना विवाद खत्म

बता दें कि पिछले 72 दिनों से डोकलाम विवाद को लेकर चल रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है। विदेश मंत्रालय ने एक सूचना जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि चीन और भारत डोकलाम विवाद को खत्म करने पर सहमत हो गया है। तय हुआ है कि दोनों ही देश डोकलाम क्षेत्र से अपनी सेनाएं हटाएंगे। इस दौरान सहमति बनाई गई है कि चीन डोकलाम में सड़क का निर्माण नहीं करेगा, जो विवाद की सबसे बड़ी जड़ थी। 

ये भी पढ़ें- दक्षिण कोरिया ने दागी मिसाइल, अमेरिका ने कहा सभी हो गई फेल

62 के युद्ध की दिलाई थी याद

बता दें कि 16 जून को शुरू हुआ यह विवाद 72 दिन बाद खत्म होता नजर आ रहा है। पहले ही दिन से चीन की मीडिया और सरकार भारत को लगातार युद्ध की धमकियां देता रहा। लेकिन भारत ने इस मुद्दे को ज्यादा तर्जी नहीं दी। भारत ने लगातार इस मुद्दे पर अपना रुख अड़िग रखा और सेना को पीछे नहीं हटने की बात कही। एक समय युद्ध की चेतावनी देते हुए चीन ने भारत को 62 के युद्ध की याद दिला दी थी, लेकिन भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने सदन में एक बयान जारी करते हुए साफ कर दिया था कि भारत अब वह 62 वाला देश नहीं रहा। भारत की सैन्य शक्ति कई गुना बढ़ी है और वह सीमा पर हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। 

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी से स्थानीय पांच नागरिक हुए घायल 

क्या चीन दोहराएगा छल-कपट


इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन 62 में किए गए छल को दोहराएगा। इस मुद्दे को लेकर चीन की इस नीति पर कुछ लोगों ने आशंका जताई है, लेकिन रक्षा जानकारों का कहना है कि चीन इस मुद्दे पर पूरे विश्व के सामने एक्सपोज हो गया है। चीन इस मुद्दे पर गलत तरीके से अड़ियल रुख अपनाए हुए थे। भारत की मौजूदा स्थिति में अब वह पहले जैसा छल करेगा, ऐसा नहीं लगता। 

ये भी पढ़ें- 

ब्रिक्स सम्मेलन से पहले विवाद खत्म

बता दें कि आगामी दिनों ने चीन में ब्रिक्स सम्मेलन आयोजित होना है। ऐसे में भारतीय पीएम मोदी से चीन जाने से पहले ही यह विवाद खत्म हो गया है। इसके बाद एक बार फिर भारत की साख दुनिया में बढ़ी है, जिसने बिना हिंसा किए और बिना उकसाने वाली बयानबाजी के चीन को करारा सबक सिखाया है। 

ये भी पढ़ें- हिंसा की आशंका के बीच सोनीपत में बड़ी मात्रा में हथियार मिले, उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

विवाद का क्या था कारण

बता दें कि दोनों देशों के बीच इस विवाद की वजह 1890 का एक समझौता है, जिसमें ब्रिटिश शासन ने चीन के चिंग राजवंश के साथ किया था। उसमें अलग-अलग जगहों पर बॉर्डर दिखाई गई थीं। उसके मुताबिक, एक बड़े हिस्से पर भूटान का कंट्रोल है, जहां भारत का उसे सपोर्ट और मिलिट्री कोऑपरेशन हासिल है। इसी समझौते के हिस्से में आने वाले डोकलाम के पठार पर भारत और चीन के जवान शून्य डिग्री से नीचे के तापमान में तैनात हैं। ये तैनाती नॉर्मल नहीं है।

इस बार चीन को रोकना क्यों जरूरी था?

चीन जहां सड़क बना रहा है, उसी इलाके में 20 किमी हिस्सा सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों को भारत के बाकी हिस्से से जोड़ता है। यह ‘चिकेन नेक’ भी कहलाता है। चीन का इस इलाके में दखल बढ़ा तो भारत की कनेक्टिविटी पर असर पड़ेगा। भारत के कई इलाके चीन की तोपों की रेंज में आ जाएंगे। अगर चीन ने सड़क को बढ़ाया तो वह न सिर्फ भूटान के इलाके में घुस जाएगा, बल्कि वह भारत के सिलीगुड़ी काॅरिडोर के सामने भी खतरा पैदा कर देगा। दरअसल, 200 किमी लंबा और 60 किमी चौड़ा सिलीगुड़ी कॉरिडोर ही पूर्वोत्तर राज्यों को भारत के बाकी राज्यों से जोड़ता है। इसलिए भारत नहीं चाहेगा कि यह चीन की जद में आए।

Todays Beets: