नई दिल्ली । देश की मौजूदा राजनीति में आरोप-प्रत्यारोपों के बीच चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूद दौर में हर पार्टी चुनाव जीतने के लिए अपनी अलग स्क्रिप्ट लिखती है। यह एक चलन से बन गया है। इसमें विजेता की कोई गलती नहीं मानी जाती। हालांकि किसी भी देश में लोकतंत्र तभी अच्छा चलता है जब चुनाव निष्पक्ष और सही तरीके से हो। हालांकि आज के दौर में ये मुश्किल सा हो गया है क्योंकि हर कोई बस चुनाव जीतना चाहता है, चाहे इसके लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की जरूरत हो या उन्हें धमकाने की।
ये सब चतुर चुनावी प्रबंधन का हिस्सा
चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने राजनीति दलों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आज विधायकों को अपने दल में लाने के लिए खरीद फरोख्त करने की तंत्र हो या उन्हें धमकाना यह सब अब एक चतुर चुनावी प्रबंधन का हिस्सा बन गया है। सरकार बनाने के लिए या अपने दल को मजबूत करने के लिए नेताओं को रुपयों का लालच देने की बात हो या राजतंत्र का उपयोग कर उसे अपनी दल में शामिल करने का मुद्दा यह सब अब एक चतुर चुनावी प्रबंधन का हिस्सा बन गया है। नए चलन में विजेता कोई पाप नहीं कर सकता और हारने वाले को भी इस अपराधिक दोष से मुक्त नहीं किया जा सकता।
बेहतर चुनाव को आगे आएं
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में विधायकों की खरीद फरोख्त, रुपयों का चलन समेत कई अन्य बातें सामान्य हो गई हैं, जिन्हें पहले गलत समझा जाता था। हालांकि इस सब से मुक्त के लिए सभी राजनीतिक दलों, राजनेताओं समेत मीडिया और समाज के लोगों को भी आगे आना चाहिए। उन्हें बेहतर लोकतंत्र और बेहतर चुनाव के लिए अपना योगदान देना चाहिए।