नई दिल्ली । PNB की मुंबई स्थित एक ब्रांच में 11 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के बाद जहां बैंक ने अपने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं इस मामले के खुलासे के बाद शेयर बाजार से लेकर बैंकिंग सेक्टर में हड़कंप मचा हुआ है। बैंक की ओर से इस मामले में अफसरों ने सीबीआई से अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और उनके एक बिजनेस पार्टनर के खिलाफ शिकायत की है। इस पूरे घोटाले में बैंक के कर्मचारियों ने रकम की लेन-देन के लिए 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल किया। दरअसल, 'स्विफ्ट' से जुड़े मैसेज पीएनबी के पिनैकल सॉफ्टवेयर सिस्टम में तत्काल ट्रैक नहीं होते हैं क्योंकि ये बैंक के CBS में एंट्री किए बिना जारी किए जाते हैं। इसी का फायदा पीएनबी के दो कर्मचारियों ने उठाया और करोड़ों का लेन-देन किया। इसके जरिये बैंक कर्मचारी रोजाना की बैंकिंग ट्रांजैक्शंस को प्रॉसेस करने वाले कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) को चकमा दे गए। बहरहाल नीवर मोदी इस समय देश में नहीं है लेकिन उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। इस समय खास बात ये है कि नीरव मोदी भी इस समय देश में मौजूद नहीं है। उसके देश से भागने की खबरें सामने आ रही हैं।
डायमंड इम्पोर्ट के लिए L/C से शुरू हुई कहानी
बता दें कि 'स्विफ्ट' ग्लोबल फाइनेंशियल मैसेजिंग सर्विस है, इसका इस्तेमाल प्रत्येक घंटे लाखों डॉलर को भेजने के लिए किया जाता है। बताया जाता है कि इस घोटाले की शुरुआत तब हुई जब डायमंड का कारोबार करने वाली तीन कंपनियों ने रॉ डायमंड के इम्पोर्ट के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट इश्यू करने की खातिर पीएनबी से संपर्क किया।
शॉर्ट टर्म क्रेडिट चाहती थी कंपनियां
जानकारी के मुताबिक, डायमंड का कारोबार करने वाली तीन कंपनियां विदेशी सप्लायरों को भुगतान के लिए शॉर्ट टर्म क्रेडिट (कर्ज) चाहती थीं। बैंक अफसरों ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) देने से पहले 100% कैश मार्जिन मांगा। तीनों फर्मों ने कहा कि वे पहले भी यह सुविधा लेती रही हैं।
बैंक अधिकारी के साथ किया फर्जी एलओयू
इस मामले की जब जांच हुई तो सामने आया कि कि मार्च 2010 से बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने मनोज खरात नाम के एक अन्य बैंक अधिकारी के साथ मिलकर इन कंपनियों को फर्जी तरीके से एलओयू दिया। पकड़ में आने से बचने के लिए इसकी एंट्री भी नहीं की। फिर इन्हीं जाली LoU के आधार पर एक्सिस और इलाहाबाद जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं ने बैंक को डॉलर में लोन दिए थे। इन डॉलर लोन का इस्तेमाल बैंक के नोस्ट्रो अकाउंट्स की फंडिंग के लिए किया गया। इन एकाउंट्स से फंड को विदेश में कुछ फर्मों के पास भेजा गया, जो नीरव मोदी की कंपनी से संबंध रखती थी।
नीरव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
बहरहाल, गुरुवार सुबह इस मामले में घोटाले के केंद्र में बताए जा रहे नीरव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। हालांकि इससे पहले भी नीरव के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हो चुकी थी।
ईडी ने शुरू की छापेमारी
इस सब से इतर नीरव मोदी के 10 से 12 ठिकाने पर सुबह ईडी ने छापेमारी शुरू कर दी है। इस समय उनके ठिकानों पर उनके दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। हालाकि सीबीआई ने अभी इस मामले में अपनी जांच शुरू नहीं की है लेकिन जांच शुरू होते ही नीवर के ठिकानों के साथ ही उसकी प्रॉपर्टी पर भी शिकंजा करना तय है।
देश से बाहर है नीरव
किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या के बैंकों से कर्ज लेकर फरार होने की घटना के बाद अब नीरव मोदी के इस घोटाले ने लोगों को चौंका दिया है। बता दें कि इस समय नीरव मोदी देश में नहीं है। वह देश से बाहर बताए जा रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि उन्हें अपने खिलाफ होने वाली कार्रवाई की भनक लग गई थी, इसलिए वह पहले ही देश से बाहर निकल गए।