नई दिल्ली। बिहार में जनता जद (युनाइटेड) का राष्ट्रीय अघ्यक्ष होने का दावा कर रहे शरद यादव को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी निशान ‘तीर’ को लेकर हो रहे विवाद पर से चुनाव आयोग ने पर्दा उठा दिया है। आयोग ने यह फैसला बिहार के मुख्मंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतिश कुमार के पक्ष में फैसला दिया है। आयोग के इस फैसले पर जदयू नीतिश गुट के लोगों में काफी खुशी है। उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। पार्टी के नेता संजय झा ने कहा पार्टी के पक्ष में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला दिया है और इस फैसले का गुजरात चुनाव पर बड़ा असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है।
पार्टी निशान पर बवाल
गौरतलब है कि बिहार में नीतिश कुमार द्वारा भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने के बाद पार्टी में विरोध के सुर तेज हो गए थे। तत्कालीन अध्यक्ष शरद यादव ने नीतिश के फैसले का विरोध करते हुए पार्टी से अलग होने की घोषणा कर दी थी और पार्टी के निशान ‘तीर’ पर अपना अधिकार बताया था। दोनों पक्षों द्वारा निशान पर दावा जताने का मामला चुनाव आयोग में पहुंच गया था। आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसले का सुरक्षित रख लिया था।
ये भी पढ़ें -केजरीवाल सरकार का 'पार्किंग घोटाला' उजागर, दिल्ली के 11 बस डिपो में खड़ी करवाईं निजी बस ऑपरेट...
अस्तित्व पर सवाल
आपको बता दें कि शरद यादव की तरफ से मशहूर वकील और कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल पक्ष रख रहे थे वहीं नीतिश कुमार की तरफ से राकेश द्विवेदी पक्ष रख रहे थे। यहां बता दें कि सुनवाई में शरद गुट इस बात को तो मानने के लिए तैयार हुआ कि जेडीयू के अधिकांश सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं, लेकिन वो पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति और राष्ट्रीय परिषद के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। यहां बता दें कि शरद गुट ने नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं मानते हुए 2013 में बनी पार्टी कार्यसमिति को ही वैध माना है, जिसमें कुल 1098 सदस्य थे। वहीं चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 10 अप्रैल 2016 को शरद यादव के नेतृत्व में हुई जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थता जताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज जानकारी के मुताबिक, 23 अप्रैल 2016 को नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने अक्टूबर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की, जिसमें शरद यादव सहित कुल 195 लोगों के नाम शामिल हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में से 138 लोगों का समर्थन नीतीश कुमार को प्राप्त है, जो कि हलफनामे के साथ चुनाव आयोग को सौंपा गया था।
सच्चाई की जीत
नीतिश के एक समर्थक ने कहा कि चुनाव आयोग ने नीतिश कुमार के पक्ष में फैसला दिया है अब शरद यादव क्या करेंगे? आगे कहा कि शरद यादव लालू-लालू करेंगे दरअसल वो लोगों के बहकावे में आकर बेवजह की जिद पाल लिए थे, अब तेजस्वी और तेजप्रताप के चाचा बनेंगे। अब लोगों का मानना है कि चुनाव आयोग के इस फैसले का असर गुजरात के चुनाव पर भी पड़ेगा। जदयू नेता औैर पार्टी के महासचिव संजय झा ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि पार्टी के पक्ष में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला दिया है और इस फैसले का गुजरात चुनाव पर बड़ा असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है।