लखनऊ। उत्तरप्रदेश के नगर निकाय चुनावों में वोटर लिस्ट उजागर हुई खामियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी का प्रशासन नाकाबिल और नालायक साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि केवल बीएलओ को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा, अव्यवस्थाओं और लापरवाही के लिए तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक जिम्मेदार हैं।
जांच के निर्देश
गौरतलब है कि लखनऊ नगर निगम के चुनाव के दौरान कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब थे। निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जानबूझकर मतदाता सूचियों से नाम हटाकर मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करना एक आपराधिक कृत्य है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों से अगर प्रशासन पूछताछ नहीं करेगा तो चुनाव आयोग ऐसा करेगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने कहा कि जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि कितने लोगों के नाम मतदाता सूची से कटे हैं इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। आयोग के आयुक्त ने लखनऊ में मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ से कराने के भी संकेत दिए हैं।
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प्रशिक्षण में लापरवाही
राज्य निर्वाचन आयोग में पत्रकारों से बात करते हुए आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में चुनाव व्यवस्थाएं ठीक रहीं वहीं लखनऊ के प्रशासन का ढीला रवैया सामने आया है। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से राजधानी में सबसे अच्छी एम 2 ईवीएम दी गई थी। इसके बाद भी लखनऊ में 251 मशीनों को इस कारण बदला गया कि उसमें केबल ठीक ढंग से नहीं जुड़ रहा है। निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि चुनाव से पहले ट्रेनिंग और सतर्कता में कमी रही। उन्होंने कहा कि राजधानी में सबसे अच्छे अफसर तैनात किए जाते हैं।
मतदाता कर सकते हैं शिकायत
राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सतीश अग्रवाल ने बताया कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर ही संज्ञान लिया है। सपा और आप पार्टी की ओर से उन्हें लिखित में ज्ञापन देकर जांच कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की ओर से लिखित में शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि मतदाता आयोग में पत्र देकर या ऑनलाइन भी मतदाता सूची में हुई गड़बड़ी की शिकायत कर सकते हैं।