नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किये जाने के बाद कहा था कि उनकी इस पहल से कालेधन पर अंकुश लगेगा । हालांकि उनके इस बयान पर हाल में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए ओपी रावत ने कटाक्ष किया है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि देश में नोटबंदी का कोई असर नहीं दिखा। नोटबंदी के बावजूद चुनावों में कालेधन का जमकर इस्तेमाल हुआ। इतना ही नहीं पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार हुए चुनावों में ज्यादा कालाधन बरामद किया गया है। उन्होंने इस दौरान कटाक्ष मारते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि राजनीतिक पार्टियों और उनके फाइनेंसरों को पैसे की कोई नहीं है।
बता दें कि चुनाव आयुक्त सुनील अलोड़ा ने रविवार को देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त यानी सीईसी के पद को संभाला। इससे पहले पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी को बेअसर करार दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति दलों को फाइनेंसरों की कोई कमी नहीं होती । चुनावों में इनके द्वारा खर्च किए जाने वाला धन अमूमन कालाधन भी होता है। हालांकि चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल की कोई जांच नहीं हो पाई है। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक दलों की तरफ से चुनावों में खर्च होने वाली धन के गलत इस्तेमाल को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की।
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असल में पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान त्रिपुरा , कर्नाटक , मेघालय , नागालौंड , मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों को संपन्न किया। अब नए चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के सामने राजस्थान के साथ ही बिहार, हरियाणा , दिल्ली , जम्मू कश्मीर ओडिशा और झारखंड विधानसभा चुनावों को सफलता पूर्वक संपन्न कराने की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही आगामी वर्ष में लोकसभा चुनाव भी है, जो उनके लिए एक बड़ी चुनौती साबित होंगे।
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