नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 2 साल पहले की गई नोटबंदी पर विपक्ष लगातार हमलावर है। कांग्रेस के नेताओं की ओर से सरकार और प्रधानमंत्री पर किए जा रहे हमले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली उनके बचाव में आ गए हैं। जेटली ने सोशल मीडिया पर दिए जवाब में कहा कि सरकार का मकसद पूरे पैसों को बैंकों में जमा करने की नहीं थी। उन्होंने कहा कि देश को सही आर्थिक दिशा देने के लिए यह काफी जरूरी था। बता दें कि कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी और पूर्व प्रधानमंत्री डाॅक्टर मनमोहन सिंह ने भी नोटबंदी के फैसले को गलत बताया है। कांग्रेस ने पीएम से देश से माफी मांगने की बात कहते हुए कल यानी की 9 नवंबर को पूरे देश में काला दिवस मनाकर इसका विरोध करने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों के चलन पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार के इस फैसले के बाद से विपक्ष पूरी तरह से उसपर हमलावर हो गया। कांग्रेस ने तो इसे देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया था। सरकार का मानना था कि नोटबंदी से आतंकवाद और कालेधन पर लगाम लगेगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
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यहां बता दें कि विपक्ष के लगातार हमले पर सरकार और पीएम का बचाव करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि कर व्यवस्था को समझना बड़ा मुश्किल हो गया था।जेटली ने आगे लिखा- “नोटबंदी को लेकर गलत आलोचना यह की जा रही है कि सारे पैसे बैंकों में जमा कर लिए गए। पैसे की जब्ती करना नोटबंदी का मकसद नहीं था। अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने और कर चुकाना इसके व्यापक लक्ष्य था।”
गौर करने वाली बात है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा था कि नोटबंदी के बाद करीब 99 फीसदी पैसे वापस बैंकों में जमा हो गए हैं। इसके बाद सरकार की काफी आलोचना हुई थी।