वाराणसी । बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शनिवार रात हुए हंगामे, तोड़फोड़, आगजनी, बमबारी के आरोप में पुलिस ने करीब 1 हजार अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं इस मामले में पूरे घटनाक्रम को सही से नहीं संभाल पाने पर स्टेशन ऑफिसर, भेलूपुर के सीओ और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को परिसर से हटा लिया गया है। बीएचयू प्रशासन की ओर से उपद्रवियों के खिलाफ लंका थाने में तहरीर दी गई खी। इसके साथ ही छात्रों पर मुकदमा लंका थानाध्यक्ष राजीव सिंह की तहरीर पर की गई। इसके साथ ही बीएचयू को आगामी 6 अक्तूबर तक बंद कर दिय गया है। अभी तक इस पूरे समूचे घटनाक्रम में 7 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। वहीं कांग्रेस, लेफ्ट सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इस पूरे मामले को लेकर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट मांगी है।
कैंपस में बुलाई प्रशासन ने पुलिस
इस पूरे हंगामे के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को कैंपस के अंदर बुला लिया है। किसी अप्रिय घटना को ध्यान में रखते हुए बीएचयू के आसपास की दुकानों को बंद करवा दिया गया है। इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं से भी होस्टल को खाली करने के लिए कहा जा रहा है। ऐसा न करने पर उनके बिजली पानी के कनेक्शन काटने की बात सामने आ रही है।
वीसी ने साजिश करार दिया
इस पूरे घटनाक्रम को बीएचयू के वीसी ने एक सोची समझी साजिश करार दिया है। वीसी का कहना है कि हिंसा भड़काने का काम कुछ बाहरी तत्वों ने की है। वीसी प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हमारे विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार छात्र रहते हैं। लेकिन मैं यह बात कह सकता हूं कि वे उपद्रव में शामिल नहीं थे। विश्विद्यालय में बाहरी लोगों का प्रवेश तब से है, जब से विश्विद्यालय बना है। अब हम कोशिश करेंगे की विश्विद्यालय परिसर में बाहर के लोगों का आना जाना बंद किया जाए।
सीएम ने मांगी रिपोर्ट
इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले पर आईजी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। वहीं वाराणसी में मौजूदा हालात को देखते हुए वाराणसी के सभी स्कूल कॉलेजों को अगले कुछ दिनों के लिए बंद कराने का निर्णय लिया है।