इलाहाबाद । शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को कड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना अवैध है। कोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह का धर्म परिवर्तन अवैध है। हाईकोर्ट के जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने शादी शुदा महिला द्वारा धर्म परिवर्तन कर दूसरी शादी किए जाने को गलत मानते हुए इस महिला और उसके पति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। इतना ही कोर्ट ने उनकी की गिरफ्तार के आदेश पर रोक लगाने से भी मना कर दिया।
असल में खुशबू तिवारी नाम की महिला की शादी पिछले साल नवंबर में हुई थी। बाद में इस युवती ने दुसरी शादी के लिए अपना धर्म परिवर्तन कर अपना नाम खूशबू बेगम रखा और जौनपुर के जमुनीपुर निवासी अशरफ से दूसरी शादी कर ली। इस मामले में जब पुलिस कार्रवाई हुई तो इन लोगों ने कोर्ट का रुख किया। महिला ने तर्क दिया कि दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से यह शादी कर रहे हैं। क्योंकि उनके परिजन इस शादी से नाराज थे और उन्हें जानमाल का खतरा है। हालांकि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना अवैध है।