नई दिल्ली । ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर अड़े कई राजनीति दलों के नेताओं ने गत दिनों निर्वाचन आयोग से मुलाकात की। इस दौरान 23 राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में किसी भी सीट के परिणाम का ऐलान करने से पहले EVM से करीब 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान अवश्य किया जाए। विपक्षी दलों की इस मांग पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि ऐसा मिलान करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यह काम चुनाव आयोग के लिए मुश्किल हो सकता है।
बता दें कि यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम से मतदान की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर से ही चुनाव करवाने की मांग की थी। इसके बाद विपक्ष के कई दलों ने उनकी इस मांग का समर्थन किया और बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाने के पक्ष में प्रदर्शन भी किए। हालाकि चुनाव आयोग ने हैकाथन आयोजितक करने के साथ ही विपक्षी दलों से कह दिया है कि बैलेट पेपर से चुनाव करवाना मतलब पीछे जाना। बहरहाल इस सब के बावजूद गत सोमवार को 23 राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग में गए भी थे। इस दौरान इन नेताओं ने मांग रखी कि आगामी लोकसभा चुनावों में परिणामों का ऐलान करने से पहले 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान ईवीएम से किया जाए।
इस पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त कृष्णामूर्ति ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले ही इस बात को कह चुका है कि वह धीरे-धीरे वीवीपैट के सत्यापन को बढ़ाएगा । असल में यह उन्हें मिलने वाली मशीनों पर निर्भर करता है। एक रात में वह 50 फीसदी वोटों का वीवीपैट से सत्यापन करने में सक्षम नहीं हैं। जब नई मशीनें आएंगी तो उन्हें वीवीपैट से जोड़ा जाएगा। बहरहला, उनके इस बयान ने साफ कर दिया है कि विपक्षी दलों की मांग पर आने वाले समय में कोई एक्शन नहीं हो सकेगा।