Tuesday, April 23, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

नहीं रहे पंजाब के 'सुपरकॉप' केपीएल गिल, 82 वर्ष में किडनी फेल होने से दिल्ली में निधन

अंग्वाल न्यूज डेस्क
नहीं रहे पंजाब के

नई दिल्ली। पंजाब में आतंकवाद के खात्म में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व आईपीएस अफसर केपीएस गिल का शुक्रवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार भी चल रहे थे । किडनी फेल हो जाने के चलते उन्होंने गंगाराम अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे दुखद करार दिया। केपीएस गिल की छवि एक दमदार पुलिस अफसर की रही, जिसने पंजाबा में पाकिस्तान परस्त आतंकवाद को खत्म करने के लिए अहम किरदार निभाया था। 

पंजाब में आतंकवाद के खात्म के साथ ही 80 के दशक में सुपरकॉप के नाम से मशहूर हुए केपीएस गिल का जन्म पंजाब के लुधियाना में 1934 को हुआ। उन्होंने सन 1958 में पुलिस सेवा ज्वाइन की थी। पंजाब में पाक परस्त आतंकवाद के दौरान केपीएस गिल पंजाब के डीजीपी थे। उस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खात्मे के लिए जो रणनीति बनाई और जिस तरह से पंजाब को आतंकवाद मुक्त किया उसके लिए उन्हें पंजाब का सुपरकॉप कहा जाता था। 80 के दशक के अपने करियर के अंतिम दौर में सुपरकॉप के नाम से जाने जानेवाले पुलिस अफसर केपीएस गिल की एक समय तूती बोलती थी। पंजाब में उन्हें चरमपंथ के ख़ात्मे का हीरो माना गया। 


कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने के दौरान कई बार ऐसा हुआ कि सरकारों ने केपीएस गिल को कश्मीर मुद्दे को निपटाने के लिए कमाने देने पर चर्चा की, लेकिन कोई मूर्त रूप सामने नहीं आया। हालांकि उनका पूरा करियर काफी सफलताओं से भरा रहा। उन्हें पदमश्री से भी सम्मानित किया गया। 

हालांकि पिछले कुछ समय में उनकी शौहरत पर कुछ दाग भी लगे जब आरोप लगे कि उन्होंने पार्टी में एक वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी रूपन देओल बजाज के पिछले हिस्से पर हाथ मारा था। बजाज ने उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और मामले को अदालत ले गईं। 17 साल बाद गिल को दोषी ठहराया गया. मगर गिल की सजा कम कर दी गई, जुर्माना भी कम कर दिया गया और जेल भी नहीं भेजा गया। 

Todays Beets: