नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं होगी। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएएआई) ने ऐसा करने वालों पर 10 लाख का जुर्माना और उम्रकैद की सजा के प्रावधान का सुझाव दिया है। बता दें कि प्राधिकरण ने एक खाद्य सुरक्षा और पोषण निधि बनाने का भी सुझाव दिया है जो खाद्य व्यापार और उपभोक्ताओं के बीच प्रचार और पहुंच की गतिविधियों का क्रियान्वयन करेगी। इसके साथ ही एफएसएसएआई ने कई और भी बदलावों का सुझाव दिया है।
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गौरतलब है कि एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण अधिनियम 2006 में बदलाव करने की बात कही है। इस नए मसौदा में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम की धारा 59 में बदलाव करके व्यक्ति या व्यवसाय द्वारा जानबूझकर खाद्य उत्पादों में मिलावट करने पर 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद करने और 10 लाख का जुर्माना किए जाने का प्रावधान बनाया जाएगा।
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बता दें कि अभी तक खाद्य पदार्थों में मिलावट करने पर पकड़े जाने पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है लेकिन अब इसमें बदलाव कर ऐसे लोगों की वजह से पीड़ित लोगों को मुआवजा दिलाने का भी विचार सुझाया है। अधिकारी ने बताया कि यह संशोधन इसलिए सुझाए गए क्योंकि खान-पान की चीजों में मिलावट बढ़ रही है जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है।
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गौर करने वाली बात है कि प्राधिकरण ने राज्य सरकार से इसका फीडबैक भी मांगा है। नए कानून में खाद्य पदार्थों का आयात करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा क्योंकि अभी तक इनके ऊपर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती थी। नए मसौदे में उपभोक्ताओं में मनुष्यों के साथ पशुओं को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। साथ ही इसके मिलावट की जांच करने वाले लैब्स पर भी सख्ती की गई है। इन लैब्स को 10 दिनों के अंदर उसकी रिपोर्ट देनी होगी।